पुणे: एक कोविड-19 अस्पताल से 33 वर्षीय एक महिला मरीज कथित तौर पर लापता हो गई जिसके बाद उसके परिवारवालों ने बृहस्पतिवार को अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. पुणे महानगर पालिका का कहना है कि महिला को पांच सितंबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी लेकिन उसके परिजनों ने यहां शिवाजीनगर पुलिस थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है.
उक्त महिला की मां ने संवददाताओं से कहा कि महिला की जांच में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उसे 29 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के मैदान में स्थित है. यह भी पढ़े | मुंबई: रिया और शोविक चक्रवर्ती की जमानत याचिका पर बॉम्बे हाइकोर्ट में सुनवाई शुरू: 24 सितंबर 2020 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE.
महिला की मां ने कहा, “मैं अगले दिन उससे मिलने आई लेकिन जम्बो अस्पताल के कर्मचारियों ने मुझे बताया कि मरीज वार्ड के भीतर है और सुरक्षित है. मुझसे चिंता न करने और 15 दिन बाद आने को कहा गया.” उन्होंने कहा कि 13 सितंबर को जब वह और उनके परिजन अस्पताल पहुंचे तो उनकी बेटी वहां नहीं मिली.
महिला की मां ने कहा, “जब अस्पताल वालों ने हमें 15 दिन बाद आने को कहा था तो उससे पहले उसे अस्पताल से क्यों छोड़ दिया? हमें इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई? उसे एम्बुलेंस से घर क्यों नहीं भेजा गया?”
पुणे स्थित सामाजिक कार्यकर्ता राहुल डांबले परिवार की सहायता कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा, “पिछले 25 दिन से महिला का कोई अतापता नहीं है इसलिए उसके परिजनों ने आज अस्पताल के सामने विरोध प्रदर्शन किया.”
शिवाजीनगर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा कि गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उन्होंने अस्पताल जाकर महिला को भर्ती करने और छुट्टी दिए जाने संबंधी दस्तावेजों और सीसीटीवी फुटेज की मांग की. अधिकारी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि आज सारे दस्तावेज मिल जाएंगे. हमने सभी पुलिस थानों में महिला की तस्वीर दे दी है और उसे खोजने का प्रयास किया जा रहा है.”
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