जयपुर, 28 नवंबर राजस्थान में निजी प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच अब 1200 रुपये के बजाय 800 रुपये में होगी। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि आरटी-पीसीआर जांच किट की लागत में कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला किया है।
गहलोत ने कहा कि शुरू में निजी प्रयोगशालाओं में कोविड-19 जांच का शुल्क 2200 रुपये था जिसे बाद में सरकार ने 1200 रुपये तय किया।
उन्होंने कहा, ''किट की लागत में कमी को देखते हुए अब राज्य सरकार सभी निजी प्रयोगशालाओं को यह जांच 1200 रुपये के बजाय 800 रुपये में करने को पाबंद करेगी।''
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच केवल आरटी-पीसीआर के जरिए हो रही है, जो पूरी दुनिया में सबसे विश्वसनीय जांच प्रक्रिया है।
गहलोत ने शनिवार को राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) अस्पताल, जयपुर में 70 बिस्तर वाले नए कोविड आईसीयू, छह जिलों में आरटी-पीसीआर जांच प्रयोगशाला तथा जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में अत्याधुनिक कैंसर उपचार वार्ड तथा अन्य चिकित्सा सुविधाओं का लोकार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों की अधिकाधिक जांच और समुचित इलाज के लिए पूरे राजस्थान में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया गया है और अब हर जिले में आरटी-पीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है। टोंक, प्रतापगढ़, राजमसन्द के नाथद्वारा, जैसलमेर, हनुमानगढ़ और बूंदी में जांच प्रयोगशाला का लोकार्पण करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में कोरोना की निशुल्क जांच के लिए प्रयोगशालाएं शुरू कर दी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का ध्येय ‘निरोगी राजस्थान‘ बनाने का है, जिसके लिए अभियान शुरू किया गया था। इस बीच, मार्च माह में कोरोना संक्रमण फैल गया, लेकिन अब इस अभियान को फिर से आगे बढ़ाया जाएगा।
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस तरह सभी वर्गों को साथ लेकर कोरोना महामारी का सामना किया है उसके लिए पूरे देश में मुख्यमंत्री गहलोत की सराहना की जा रही है।
शासन सचिव (स्वास्थ्य शिक्षा) वैभव गलरिया ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 38 सरकारी और 23 निजी प्रयोगशालाओं में कोविड-19 की जांच की जा रही है। राजस्थान ने एक दिन में 60,000 आरटी-पीसीआर परीक्षण करने की क्षमता हासिल कर ली है।
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