मुंबई, 29 मई बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि हालांकि उसका निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के वित्तीय प्रबंधन पर कोई नियंत्रण या अधिकार नहीं है, लेकिन उसने कोविड-19 मरीजों के लिए बेड और आईसीयू के शुल्क की सीमा तय की है।
बीएमसी ने एक हलफनामा शहर निवासी सारिका सिंह की ओर से दायर उस जनहित याचिका के जवाब में दायर किया जिसमें दावा किया गया था कि यहां निजी अस्पताल या तो कोविड-19 मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं या उनके इलाज के लिए अधिक शुल्क वसूल रहे हैं।
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हलफनामे में कहा गया है कि बीएमसी, निजी इकाइयों और गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय को लेकर हर कदम उठा रही है। इसमें कहा गया है कि बीएमसी कोविड-19 महामारी से निपटने और मुंबई के नागरिकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की रक्षा करने के लिए सभी कदम उठा रही है और उपलब्ध सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है।
हलफनामे में कहा गया, ‘‘निजी अस्पतालों द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क की सीमा तय करने को लेकर बीएमसी का निजी अस्पतालों के वित्तीय प्रबंधन पर कोई नियंत्रण या अधिकार नही है।’’
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उसने कहा कि बीएमसी ने निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को कोविड-19 मरीजों को पृथक इकाई मुहैया कराने की इजाजत दी है और वह इस आशंका से अवगत है कि ऐसे अस्पताल मरीजों से अधिक शुल्क वसूल सकते हैं।
बीएमसी ने कहा, ‘‘इसके समाधान के लिए कोविड-19 मरीजों को पृथक इकाई की सुविधा मुहैया कराने वाले सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को गत अप्रैल में एक नोटिस जारी किया गया था और उनसे बेड शुल्क की सीमा तय करने को कहा था। हालांकि इन अस्पतालों को बिल में दवा, पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी और अन्य शुल्क लगाने की इजाजत दी जाएगी।’’
हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से जारी दिशानिर्देश के अनुसार कोविड-19 मरीजों एवं संदिग्धों के लिए तीन तरह की सुविधाएं हैं।
हलफनामे में कहा गया है, ‘‘कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) की स्थापना हल्के या बिना लक्षण वाले कोविड-19 मरीजों या कोविड-19 संदिग्ध मामलों के लिए की गई है। ये सुविधाएं होटल, हॉस्टल, स्कूल और लॉज में स्थापित की गई हैं। समर्पित कोविड-19 स्वास्थ्य केंद्र (डीसीएचसी) ऐसे मामलों के लिए स्थापित किए गए हैं जो चिकित्सकीय रूप से मध्यम के तौर पर पहचाने गए हैं। हलफनामे में कहा गया है कि निर्दिष्ट कोविड अस्पताल (डीसीएच) गंभीर श्रेणी वाले मरीजों के लिए हैं।’’
हलफनामे के अनुसार वर्तमान में 30,268 बेड वाले 318 सीसीसी, 11,098 बेड वाली 38 डीसीएचसी सुविधाएं और 10,203 बेड वाली 76 डीसीएच सुविधाएं हैं।
हलफनामे में कहा गया कि 23 मई तक की स्थिति के अनुसार शहर में 6,197 निरुद्ध क्षेत्र हैं जिसकी नियमित तौर पर निगरानी बीएमसी द्वारा की जा रही है।
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