कोलकाता, 23 नवंबर कोलकाता आभूषण एवं रत्न मेले (केजेजीएफ) के पांचवें संस्करण की शुरुआत शनिवार को हुई। इसमें पूर्वी भारत की समृद्ध आभूषण विरासत और वैश्विक बाजार में इसके विकास पर प्रकाश डाला गया।
इसका उद्देश्य इस क्षेत्र को 43 अरब डॉलर से अधिक के राष्ट्रीय उद्योग में महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने में मदद करना है, जो 17 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ रहा है।
तीन दिवसीय इस कार्यक्रम का उद्घाटन पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत और पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम (डब्ल्यूबीआईडीसी) की प्रबंध निदेशक वंदना यादव ने किया। यह कार्यक्रम 25 नवंबर तक चलेगा।
इसमें 60 से अधिक प्रदर्शक, 200 से अधिक प्रसिद्ध ब्रांड और आभूषणों की एक शानदार श्रृंखला शामिल है।
कार्यक्रम में यादव ने आभूषण शिल्प कौशल में बंगाल की पारंपरिक ताकत को आधुनिक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कोलकाता के निकट अंकुरहाटी में रत्न एवं आभूषण पार्क की सफलता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कारीगरों के कार्यस्थलों में आए परिवर्तन की सराहना की, जिससे ‘बेहतर परिस्थितियां और अधिक दक्षता सुनिश्चित हुई तथा इससे राष्ट्रीय आभूषण मानचित्र में बंगाल की भूमिका का विस्तार करने में मदद मिलेगी।’
भारत का रत्न एवं आभूषण बाजार 2023 में 43.71 अरब डॉलर का था। इसके 17.35 प्रतिशत की सालाना दर से 2030 तक 133.96 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
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