तालिबान की सरकार में गृह मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद खोस्ती (Syed Khosti) ने ट्विटर पर जारी वीडियो में बताया कि संदिग्धों ने स्वीकार किया है कि मजारा ए शरीफ शहर के घर में रहने वाली इन महिलाओं के प्रति वे आशक्त हो गए थे. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि क्या आरोपियों ने इन हत्याओं की बात भी स्वीकार की है. प्रवक्ता ने न तो हत्या की वजह बताई और न ही आरोपियों की पहचान जाहिर की. Afghanistan: राजधानी काबुल में सैन्य अस्पताल के बाहर बड़ा बम धमाका, 19 की मौत, 50 से अधिक घायल
उन्होंने बताया कि मामले को सुनवाई के लिए अदालत भेजा गया है. स्थानीय कला केंद्र के मुताबिक एक पीड़िता 29 वर्षीय फिरोजन सैफी हैं जो वहां काम करती थीं. जैनुद्दीन मोहम्मद बाबर संस्कृति केंद्र के निदेशक सैयद अजीम सदात ने बताया कि सैफी अफगानिस्तान छोड़ना चाहती थीं, क्योंकि वह तालिबान के प्रतिबंध वाले शासन में अपने भविष्य को लेकर भयभीत थी. वह अपने मंगेतर जो एक कार्यकर्ता भी हैं के पास जाना चाहती थी जो पहले ही देश छोड़कर जा चुके हैं.
सदात ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि सैफी करीब तीन हफ्ते पहले घर छोड़कर उस व्यक्ति से मिलने गई थीं जिसने दावा किया कि वह अफगानिस्तान से निकलने में उनकी मदद करेगा. खोस्ती ने बताया कि संदिग्धों ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया है कि उन्होंने महिलाओं को अपने घर पर आमंत्रित किया था. खबर है कि संदिग्ध लोगों से कुछ कार्यकर्ताओं को फोन कॉल और ईमेल आ रहे हैं जिनमें उन्हें अफगानिस्तान से निकालने में मदद करने का दावा किया जा रहा है.
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