इडुक्की (केरल), 30 जनवरी केरल की एक अदालत ने 2022 में इडुक्की जिले में पश्चिम बंगाल के एक प्रवासी मजदूर की 15 वर्षीय बेटी से सामूहिक दुष्कर्म के दोषी तीन व्यक्तियों को मंगलवार को 90-90 साल की जेल की सजा सुनायी।
देवीकुलम त्वरित विशेष अदालत (पोक्सो) के न्यायाधीश सिराजुद्दीन पी ए ने बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) कानून और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत अलग-अलग सजा सुनायी जो कुल मिलाकर 90 साल की सजा है।
विशेष लोक अभियोजक स्मिजु के दास ने बताया कि हालांकि, सजा एक साथ काटनी होगी और सबसे अधिक जेल की सजा 25 वर्ष की है तो उन्हें 25 साल की सजा काटनी पड़ेगी।
अदालत ने प्रत्येक दोषी को धारा 376(3) (16 साल तक की आयु की लड़की से दुष्कर्म) के तहत 20 साल और धारा 376 डीए (16 साल तक की आयु की लड़की से सामूहिक दुष्कर्म) के तहत 25 साल की सजा सुनायी।
उसने प्रत्येक दोषी को पोक्सो कानून की धारा 4(2) (16 साल से कम उम्र की बच्ची पर यौन हमले) के तहत 20 साल और धारा 5(जी) (किसी बच्चे से सामूहिक दुष्कर्म) के तहत 25 साल की सजा भी सुनायी।
अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 40,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और जुर्माना राशि पीड़िता को देने का निर्देश दिया।
अदालत ने चौथे आरोपी को बरी कर दिया जो अपराध के समय वहां खड़ा हुआ था।
यह मामला 29 मई 2022 का है जब उस समय 15 वर्षीय लड़की से इडुक्की पुपारा गांव में चाय के एक बागान में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था जहां लड़की अपने मित्र के साथ गयी थी।
पीड़िता की शिकायत के अनुसार, जब वह अपने मित्र से बात कर रही थी तो चार लोग वहां आए और उससे मारपीट की तथा उससे सामूहिक दुष्कर्म किया।
उसने पुलिस को बताया था कि उसके मित्र ने मदद के लिए शोर मचाया और स्थानीय लोग उनकी मदद के लिए आए जिसके बाद आरोपी घटनास्थल से फरार हो गए।
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