कोच्चि, 18 अप्रैल केरल उच्च न्यायालय एक अभिनेत्री पर हमला मामले के जांच अधिकारियों को धमकाने और हत्या करने की साज़िश रचने का अभिनेता दिलीप और अन्य पर आरोप लगाने वाली प्राथमिकी को रद्द करने या तहकीकात सीबीआई को सौंपने की उनकी याचिका पर मंगलवार को फैसला सुना सकता है।
केरल उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर मंगलवार के लिए अपलोड की गई सूची के मुताबिक, न्यायमूर्ति ज़ियाद रहमान एए दोपहर पौने दो बजे फैसला सुना सकते हैं।
अदालत ने 31 मार्च को मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए अपराध शाखा को निर्णय सुनाए जाने से पहले मामले में अपनी अंतिम रिपोर्ट दाखिल नहीं करने को कहा था।
दिलीप ने अधिवक्ता फिलिप टी वर्गीस के माध्यम से दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि हत्या की साजिश की प्राथमिकी अभिनेता के खिलाफ व्यक्तिगत दुश्मनी का नतीजा है और इसमें उनके परिवार के सभी पुरुष सदस्यों को फंसाया गया है।
उनके वकीलों ने पहले दलील दी थी कि हत्या की साज़िश का आरोप लगाने वाली प्राथमिकी में ऐसी सामग्री का अभाव है जो कोई अपराध करने के लिए आरोपी की ओर इशारा करती हो और पूरा मामला उसके द्वारा कथित रूप से "इच्छा" पर आधारित है।
उन्होंने उच्च न्यायालय के समक्ष यह भी दावा किया था कि नई प्राथमिकी में अपराध गैर-संज्ञेय है और इसलिए, इसे मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति के बिना दर्ज नहीं किया जा सकता था।
दूसरी ओर, अपराध शाखा की ओर से पेश हुए अभियोजन महानिदेशक (डीजीपी) टी ए शाजी और अतिरिक्त लोक अभियोजक पी नारायणन ने अदालत के समक्ष दलील दी थी कि प्राथमिकी में आरोप ऐसे हैं जिनसे लगता है कि अपराध हुआ है जिसके लिए जांच शुरू करने की जरूरत है।
अभिनेता और पांच अन्य के खिलाफ 2017 में अभिनेत्री पर हमला मामले की जांच कर रहे अधिकारियों की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 116 (उकसाना), 120बी (आपराधिक साजिश), 506 (धमकाना) और 34 (सामान्य मंशा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी और बाद में धारा 302 (हत्या) भी जोड़ी गई थी।
अभिनेत्री-पीड़िता तमिल, तेलुगू और मलयालम फिल्मों में काम करती है। उन्हें 17 फरवरी 2017 की रात को उन्हीं की कार में अगवा कर लिया गया था तथा उनका कथति तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था। पूरे घटनाक्रम को कैमरे में कैद किया गया था ताकि अभिनेत्री को ब्लैकमेल किया जा सके
इस मामले में 10 आरोपी हैं और पुलिस ने सात को गिरफ्तार किया था। दिलीप को गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
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