इडुक्की (केरल), 17 अगस्त : केरल की एक त्वरित अदालत ने नाबालिग सौतेली बेटी के साथ बलात्कार के मामले में बुधवार को एक व्यक्ति को बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पॉक्सो) के तहत कई अपराधों में कुल 30 साल कैद की सजा सुनाई. हालांकि, दोषी केवल 10 साल जेल में रहेगा क्योंकि पोक्सो कानून के तहत 12 साल से कम उम्र की नाबालिग पर उसके किसी रिश्तेदार या विश्वासपात्र व्यक्ति द्वारा यौन हमले के विभिन्न अपराधों में हरेक के लिए अदालत द्वारा सुनायी गयी यह अधिकतम सजा है.
त्वरित अदालत के विशेष न्यायाधीश टी. जी. वर्गीज द्वारा पारित आदेश की पुष्टि विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) एस. एस. सनेश ने की. एसपीपी सनेश ने बताया कि 2018 में इडुक्की जिले में 32 वर्षीय इस अभियुक्त ने अपनी नाबालिग सौतेली बेटी के साथ उसकी मां की अनुपस्थिति में घर में बलात्कार किया था. एसपीपी ने कहा कि अदालत ने पीड़िता और इस घटना की गवाह उसकी छोटी बहन के बयान के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि मुकदमे के दौरान पीड़िता की मां मुकर गई थी. यह भी पढ़ें : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने झारखंड के गिरफ्तार तीन विधायकों को अंतरिम जमानत दी
एसपीपी ने कहा कि अदालत ने दोषी पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. उन्होंने कहा कि अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता के पुनर्वास के लिए पीड़िता मुआवजा योजना के तहत उसे एक लाख रुपये अतिरिक्त देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पीड़िता बाल कल्याण समिति द्वारा संचालित आश्रय गृह में रह रही है.