नयी दिल्ली, 4 जनवरी : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा कि उपराज्यपाल वी के सक्सेना की ओर से आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के मोहल्ला क्लीनिकों में कथित फर्जी लैब परीक्षण और फर्जी मरीजों की सीबीआई जांच की सिफारिश किए जाने के बाद उनका ‘असली चेहरा’ बेनकाब हो गया है. लोकसभा चुनाव से पहले आप को एक और झटका उस वक्त लगा जब सक्सेना ने निजी प्रयोगशालाओं को लाभ पहुंचाने के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा संचालित आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक की ओर से फर्जी नैदानिक परीक्षणों के परामर्श दिए जाने के आरोपों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का आदेश दिया. सक्सेना ने कुछ दिन पहले ही दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में ‘गुणवत्ता मानक परीक्षण’ में विफल रही दवाओं की कथित आपूर्ति करने के मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अब तक केवल शराब घोटाला हुआ था, अब मेडिकल घोटाला हुआ है. ईमानदार होने का दावा करने वाले ‘स्वघोषित भारत रत्न’ ने यह (घोटाला) किया है.’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘विपश्यना ध्यान से लेकर चुनाव प्रचार तक के तमाम ड्रामे के बीच एक ईमानदार (नेता) का चरित्र पूरी तरह बर्बाद हो गया है क्योंकि उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत स्पष्ट हो गया है कि आपने पहले मोहल्ला क्लीनिक स्थापित किया, शुरू में सामान्य परीक्षण शुरू किए और फिर बड़े परीक्षणों की व्यवस्था की और अंततः इन सभी चीजों को एक निजी संस्था को आउटसोर्स कर दिया. यह कुछ-कुछ वैसा ही है जैसा शराब घोटाले में हुआ था.’’ यह भी पढ़ें : Mobile ‘Signal Upgrade: मोबाइल ‘सिग्नल अपग्रेड’ के लिए विशेष अभियान चलाएगा चीन
केजरीवाल पर हमला करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि यह एक ‘नैतिक मुद्दा’ है न कि तकनीकी. उन्होंने कथित घोटाले पर उपराज्यपाल द्वारा लिखे गए एक उद्धरण का हवाला देते हुए कहा, ‘‘(मोहल्ला क्लीनिकों में) फर्जी मरीजों की प्रथम दृष्टया 10 हजार से भी अधिक जांच की सिफारिश की गई थी.’’ भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘इसलिए वे आधार का भी विरोध करते थे ताकि (कथित अनियमितताओं को जारी रखने में) किसी जटिलता की आशंका नहीं हो.’’ त्रिवेदी ने केजरीवाल से आरोपों पर जवाब देने की मांग करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री जांच एजेंसी से डरे हुए हैं क्योंकि वह जानते हैं कि वह उसके सवालों का सामना नहीं कर सकते.