लखनऊ, 16 जुलाई उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह कोविड की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 'कांवड़ संघों' से बात कर रही है और कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार का प्रयास है कि धार्मिक भावनाएं भी आहत न हों और महामारी से बचाव भी हो जाए।
यहां शुक्रवार को जारी एक सरकारी बयान में कहा गया कि कांवड़ यात्रा को लेकर राज्य सरकार कांवड़ संघों से संवाद में जुटी है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कोविड-19 महामारी के हालात को देखते हुए कांवड़ संघों से संवाद करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए बातचीत कर रही है। कांवड़ संघों की सहमति के आधार पर फैसला लिया जाएगा।
बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव (गृह) और पुलिस महानिदेशक को कांवड़ यात्रा के मद्देनजर दूसरे राज्यों से संवाद स्थापित करने के निर्देश दिये हैं।
इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार का आग्रह स्वीकार करते हुए कांवड़ यात्रा पर 19 जुलाई को अगली सुनवाई की तिथि तय की है।
बयान के मुताबिक परंपरागत रूप से 25 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर राज्य सरकार परिस्थिति के हिसाब से तैयारी कर रही है। कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है। इसके लिये अधिकारियों को कांवड़ संघों से बातचीत करने को कहा गया है जिससे यात्रा के आयोजन को लेकर सही फैसला लिया जा सके। संवाद के दौरान सरकार के अधिकारी कांवड़ संघों को कोरोना की गंभीरता बताते हुए बातचीत कर रहे हैं।
बयान में कहा गया कि कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार का प्रयास है कि धार्मिक भावनाएं भी आहत न हों और महामारी से बचाव भी हो जाए। सावन के महीने में प्रत्येक वर्ष होने वाली धार्मिक यात्रा में प्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं।पिछले साल कांवड़ संघों ने सरकार के साथ बातचीत के बाद खुद ही यात्रा स्थगित कर दी थी। सरकार इस बार भी संघों से लगातार संवाद कर रही है।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि महामारी व्यक्ति की जाति, चेहरा और मजहब नहीं देखती है।
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