हुब्बली, 29 अप्रैल : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने कहा है कि राज्य उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार नफरत फैलाने वाले भाषणों को नियंत्रित करने के लिए एक समिति बनाएगा. बोम्मई ने बृहस्पतिवार को हुब्बली हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार नफरत फैलाने वाले भाषणों को नियंत्रित करने के लिए एक समिति बनाएंगे.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के भाषण देश भर में बढ़ रहे हैं, विशेष तौर पर सोशल मीडिया मंच पर. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा और नफरती भाषणों पर नियंत्रण के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. राज्य में जनवरी से तनाव देखा जा रहा है, जब हिजाब को लेकर विवाद शुरू हुआ था. इसके बाद शिवमोगा में एक हिंदू कार्यकर्ता हर्षा की हत्या कर दी गई थी. उगादी के एक दिन बाद मांसाहारी भोजन करने के त्योहार 'होसा तड़ाकू' के दौरान दक्षिणपंथी संगठनों ने हलाल मांस के खिलाफ एक अभियान चलाया और झटका मांस पर जोर दिया. यह भी पढ़ें : गुजरात स्थित जेसीबी फैक्टरी के जॉनसन के दौरे को लेकर ब्रिटिश संसद में विपक्षी दलों ने उठाये सवाल
इसके अलावा, दक्षिणपंथी सदस्यों द्वारा गोहत्या पर प्रतिबंध की मांग को लेकर रैली के विरोध में उडुपी में मुसलमानों द्वारा हिंदू मछुआरों का बहिष्कार किया गया था. इस घटना के परिणामस्वरूप हिंदू मंदिरों के आसपास मुस्लिम व्यापारियों का बहिष्कार हुआ. इस बीच, एक मस्जिद पर भगवा झंडा दिखाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हुब्बली में हिंसा भड़क गई थी. पुलिस ने मौलवी वसीम पठान समेत 130 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था.