बेलगावी (कर्नाटक), नौ दिसंबर कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को सिद्धरमैया नीत कांग्रेस सरकार को वक्फ मुद्दे पर घेरने के दौरान मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में समन्वय की कमी दिखी।
भाजपा में गुटबाजी के बीच समन्वय का यह अभाव नजर आया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक बसंगौड़ा पाटिल यतनाल के नेतृत्व वाले समूह ने राज्य भाजपा नेतृत्व, विशेषकर इसके अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र की खुलेआम आलोचना की है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने विधानसभा अध्यक्ष यू टी खादर से वक्फ मुद्दे पर चर्चा की अनुमति देने का आग्रह किया, तभी यतनाल ने अचानक एक अलग मुद्दा उठा दिया।
खादर जब नेता प्रतिपक्ष और भाजपा सदस्यों की सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों के साथ गरमागरम बहस के बाद उन्हें यह समझाने की कोशिश कर रहे थे कि सरकार वक्फ मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और वह प्रश्नकाल के बाद इसकी अनुमति देंगे, तभी यतनाल ने आरोप लगाया कि बेलगावी जिला प्रशासन ने पंचमसाली लिंगायत समुदाय द्वारा कल प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अशोक और अन्य लोग इस कदम से हतप्रभ होकर एक-दूसरे का मुंह देखने लगे जब यतनाल और विपक्ष के उपनेता अरविंद बेलाड, सी.सी. पाटिल और अन्य विधायक सदन के बीचोंबीच आ गए और सरकार एवं मुख्यमंत्री से जवाब की मांग करने लगे।
इस मौके पर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने कहा, ‘‘दो भाजपा है, एक आसन के सामने है और दूसरी नहीं, किस पर विचार करें..।’’
इसके बाद, अशोक और अन्य विधायकों ने भी यतनाल द्वारा उठाए गए मुद्दे पर उनका साथ दिया।
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