बेंगलुरु, 28 दिसंबर : कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने निर्देश दिया है कि यात्रियों और सड़क पर चलने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए सरकारी परिवहन निगम की ऐसी बसों को हटा दिया जाना चाहिए, जो बहुत अधिक चल चुकी हैं. यह आदेश कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) के एक चालक द्वारा दायर याचिका पर आया है, जिसे गैर इरादतन हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था. उक्त बस चालक के कारण एक दुर्घटना हुई थी, जिसमें दो स्कूली बच्चों की मौत हो गई थी.
जिस बस से दुर्घटना हुई, वह 10 लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी थी और खराब स्थिति में थी, इस पर गौर करते हुए उच्च न्यायालय ने पुराने वाहनों का उपयोग बंद करने के लिए नियम बनाने सहित केएसआरटीसी बसों के रखरखाव को लेकर छह निर्देश जारी किए. न्यायालय ने कहा, ‘‘मौजूदा मामले में बस पहले ही 10 लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी थी और वाहन खराब स्थिति में था. जो यात्री उक्त बस में यात्रा कर रहे थे उन्हें उस बस को चालू करने के लिए इसे धक्का देने को मजबूर होना पड़ा.’’ यह भी पढ़ें : Kailash Vijayvargiya Resignation: कैलाश विजयवर्गीय ने जेपी नड्डा से की मुलाकात, राष्ट्रीय महासचिव पद से दिया इस्तीफा
केएसआरटीसी को बेहतर गुणवत्ता वाली बसें उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए, न्यायमूर्ति रामचंद्र डी. हुद्दर ने कहा, ‘‘केएसआरटीसी द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार विशेष किलोमीटर चलने वाली बसों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए और ऐसी बसों को शहरों या गांवों में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.’’ न्यायालय द्वारा जारी अन्य दिशानिर्देशों के मुताबिक, केएसआरटीसी के यांत्रिक विभाग को यह प्रमाणित करना चाहिए कि प्रत्येक बस ‘‘सड़क पर चलने के लिए उपयुक्त’’ है, और केवल प्रमाण पत्र वाली ऐसी बसों को ही सड़कों पर चलने की अनुमति दी जानी चाहिए.