बेंगलुरु, 20 नवंबर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बुधवार को कहा कि नक्सल रोधी बल (एएनएफ) के साथ कथित मुठभेड़ में मारे गए माओवादी नेता विक्रम गौड़ा के पास ‘घातक’ हथियार थे और उन्होंने हत्या की जांच कराने की मांग को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि अगर एएनएफ ने उसे गोली नहीं मारी होती, तो वह उन सभी पर गोली चला देता। उन्होंने सोमवार को उसकी हत्या के बारे में किसी भी तरह के संदेह को खारिज कर दिया।
परमेश्वर ने कहा, ‘‘वह (गौड़ा) एक घातक हथियार, एक स्वचालित मशीन गन जैसा हथियार लेकर जा रहा था। अगर उन्होंने (एएनएफ कर्मियों ने) उसे गोली नहीं मारी होती, तो उसने उन पर गोली चला दी होती। इसलिए मुझे बताया गया है कि उसे पहली नजर में ही गोली मार दी गई थी। इसलिए किसी भी चीज पर संदेह करने की कोई जरूरत नहीं है।’’
यहां संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि उसके खिलाफ हत्या के आरोप सहित 60 से अधिक मामले दर्ज हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘...इसलिए कोई जोखिम न लेते हुए उसका ‘एनकाउंटर’ हो गया। विभाग से कुछ लिखित रूप में मेरे पास आने के बाद ही मैं अधिक जानकारी साझा कर सकूंगा।’’
उडुपी जिले के पीतेबैलु गांव के पास एएनएफ और माओवादियों के एक समूह के बीच कथित गोलीबारी में गौड़ा (46) की मौत हो गई।
अधिकारियों के अनुसार, वह कर्नाटक के सबसे वांछित माओवादी नेताओं में से एक था, जिस पर कर्नाटक में हत्या और जबरन वसूली सहित 61 मामले और केरल में 19 मामले दर्ज थे।
करकला से भाजपा विधायक वी सुनील कुमार के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि पिछले साल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद नक्सली गतिविधियां बढ़ी हैं, मंत्री ने कहा कि यह घटना उनके निर्वाचन क्षेत्र (करकला) में हुई जहां एएनएफ का मुख्यालय है।
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