बेंगलुरु, आठ दिसंबर कर्नाटक सरकार ने बल्लारी अस्पताल और राज्य में अन्य जगहों पर प्रसूताओं की मौत की जांच के लिए रविवार को चार सदस्यीय समिति का गठन किया।
सरकार ने कहा कि कर्नाटक कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक एम कनागावल्ली, सहायक औषधि नियंत्रक वेंकटेश, बंगलोर मेडिकल कॉलेज में सूक्ष्म जीवविज्ञानी डॉ असीमा बानू और राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा नामित औषध विज्ञान के एक वरिष्ठ प्रोफेसर इस समिति में शामिल हैं।
समिति द्रव ‘रिंगर लैक्टेट’ के 196 बैच की खरीद का ऑर्डर जारी किए जाने से 30 नवंबर 2024 तक के घटनाक्रम की जांच करेगी और कर्नाटक राज्य चिकित्सा आपूर्ति निगम (केएसएमएससीएल) में किसी भी प्रकार की प्रक्रियागत खामी की सूचना देगी।
आदेश में कहा गया कि जांच समिति को केएसएमएससीएल के सभी अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करनी चाहिए, ताकि खामियों के लिए जिम्मेदारी तय की जा सके।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा था कि प्रसूताओं की मौत का कारण घटिया ‘रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन’ हो सकता है।
‘रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन’ रोगियों को आमतौर पर शरीर में पानी की कमी को दूर करने और द्रव संतुलन बनाए रखने के लिए नसों के जरिये दिया जाता है।
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