बेंगलुरु, 21 जून कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने चन्नपटना सीट से उपचुनाव लड़ने की संभावना से शुक्रवार को इनकार कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि कनकपुरा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव क्यों होंगे, जहां से वह विधायक हैं।
शिवकुमार ने दो दिन पहले ही कहा था, ‘‘चन्नपटना से मेरे राजनीतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। मैं अपने राजनीतिक जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने के लिए केंगल के अंजनेया मंदिर आया हूं।’’
इससे यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि वह चन्नपटना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, जो इस सीट से विधायक एच.डी. कुमारस्वामी के मांड्या लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करने के बाद रिक्त हुई है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक और पूर्व मंत्री एस सुरेश कुमार ने कथित 'कनकपुरा उपचुनाव' को 'तुगलकी फैसला' और जनता के पैसे की बर्बादी बताया।
शिवकुमार ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘कनकपुरा में उपचुनाव क्यों होगा। मैं कनकपुरा से विधायक हूं, और अपनी पार्टी (कांग्रेस) का प्रदेश अध्यक्ष हूं। मेरे ऊपर जिम्मेदारी है। यह मेरा क्षेत्र है और मैं यहां का नेता हूं। मैं और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया चन्नपटना में चुनाव का नेतृत्व करेंगे।’’
शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने वहां के लोगों से केवल समर्थन मांगा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं उस जिले (रामनगर) से हूं। मैंने वहां के मतदाताओं से कहा है कि वे हमें ताकत दें... अगर वे हम पर भरोसा करेंगे तो वे हमारा साथ देंगे।’’
शिवकुमार ने अपनी आलोचना करने वालों पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘जो लोग मेरे राजनीतिक जीवन का शोक संदेश लिख रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि मेरे पीछे एक बड़ी शक्ति है, जो जनता की शक्ति है।’’
इससे पहले, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि चन्नपटना से किसे चुनाव लड़ना चाहिए, यह कांग्रेस पर छोड़ दिया गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में बेंगलुरु ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से हारने वाले डी के सुरेश ने सोचा था कि वे अजेय हैं।
कुमारस्वामी ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिवकुमार अब चन्नपटना के प्रति स्नेह दिखा रहे हैं, लेकिन पिछले डेढ़ साल से वे वहां नहीं गए थे। शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बने एक साल से अधिक समय हो गया है। जो व्यक्ति इतने दिनों तक कभी चन्नपटना नहीं गया, वह उस निर्वाचन क्षेत्र के प्रति अपना स्नेह दिखा रहा है और इसके बारे में बात कर रहा है।’’
कुमारस्वामी के चन्नपटना सीट से इस्तीफा देने के कारण ही इस पर उपचुनाव आवश्यक हो गया है।
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