बेंगलुरु, 19 सितंबर जनप्रतिनिधियों के लिए एक विशेष अदालत ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने सहित विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किये गये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एन. मुनिरत्ना को बृहस्पतिवार को सशर्त जमानत दे दी।
अदालत ने मुनिरत्ना की जमानत याचिका पर दलीलें सुनने के बाद उनकी अर्जी को दो लाख रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के दो मुचलके पेश करने की शर्त पर स्वीकार कर लिया। अदालत ने उन्हें साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने या जांच में बाधा डालने से रोकने के लिए विशिष्ट निर्देश जारी किए गए।
भाजपा के 60 वर्षीय विधायक मुनिरत्ना को जांच में पूरा सहयोग करने का भी निर्देश दिया गया है।
मुनिरत्ना के वकीलों ने दलील दी कि आरोप राजनीति से प्रेरित थे और भाजपा नेता के खिलाफ आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है।
अभियोजन पक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि कथित अपराध की संवेदनशील प्रकृति के कारण मामले पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
पूर्व मंत्री मुनिरत्ना को उनके खिलाफ दो मामले दर्ज होने के बाद 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।
राजराजेश्वरी नगर से विधायक मुनिरत्ना पर बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के ठेकेदार को रिश्वत के लिए परेशान करने, एक पूर्व पार्षद पर जातिसूचक टिप्पणी करने, धोखाधड़ी, आपराधिक धमकी और एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप हैं।
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