बेंगलुरु, 31 जनवरी कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक एच. सी. बालकृष्ण ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के अधिकतम सीट जीतने में विफल रहने की स्थिति में गारंटी योजनाओं को बंद करने की वकालत की।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यदि अधिकतम सीट नहीं मिलती है तो यह माना जायेगा कि लोगों ने योजनाओं को खारिज कर दिया है।
राज्य के मगदी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बालकृष्ण ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार से बात की है और कहा कि यह लोगों को तय करना है कि वे ‘अक्षत’ चाहते हैं या पांच गारंटी योजनाएं।
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस)/विश्व हिंदू परिषद (विहिप) कार्यकर्ताओं तथा स्वयंसेवियों द्वारा हल्दी और घी मिश्रित चावल (अक्षत) के दाने वितरित किये गये थे।
इस बीच विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधायक बालकृष्णन और कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा।
उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने हालांकि इस संबंध में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कोई भी गारंटी योजना बंद नहीं की जाएगी और इसे पांच साल तक जारी रखा जायेगा।
बालकृष्ण ने कहा, ‘‘हम काम करेंगे, पांच साल हमारी सरकार रहेगी। मैं आपसे एक बात पूछता हूं कि आपका वोट ‘अक्षत’ के लिए है या पांच गारंटी के लिए।’’
अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी हिंदू हैं, हम भी मंदिर निर्माण का समर्थन करते हैं, लेकिन हमारा तर्क यह है कि मंदिर के नाम पर वोट मांगना सही नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस स्थिति में, यदि लोग मंदिर निर्माण के लिए (भाजपा के पक्ष में) मतदान करते हैं तो मैंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से कहा कि लोग हमें (कांग्रेस को) संसदीय चुनाव में ज्यादातर सीट जिताते हैं तो ही गारंटी योजनाएं जारी रखें। यदि लोग कांग्रेस को ज्यादातर सीट नहीं जिताते, तो यह माना जा सकता है कि लोगों ने गारंटी योजनाओं को अस्वीकार कर दिया है।’’
गारंटी योजनाओं के फायदे गिनाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इतना सब करने के बावजूद अगर लोग हमें वोट नहीं देते हैं और हमें खारिज कर देते हैं, तो हम क्या फैसला करें? इन गारंटियों का कोई मूल्य नहीं है, लेकिन अक्षत का मूल्य है। तो हम गारंटी रद्द कर देंगे और हम भी मंदिर बनाएंगे, वहां पूजा करेंगे, अक्षत देंगे और वोट लेंगे।’’
बालकृष्ण ने कहा, ‘‘क्या करना है मुझे बताओ? आपको गारंटी योजनाएं चाहिए या अक्षत। आपको यह तय करना होगा। मैंने मुख्यमंत्री से कहा है कि उनकी सरकार के कार्यक्रमों के कारण लोगों को कांग्रेस को जिताना चाहिए और हमारी पार्टी के सांसदों को चुनना चाहिए, यदि ऐसा नहीं होता है तो यह समझा जाएगा कि लोगों को आपकी गारंटी योजनाएं नहीं चाहिए।’’
कांग्रेस सरकार की पांच गारंटी योजनाओं में सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली (गृह ज्योति), प्रत्येक परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये की मासिक सहायता (गृह लक्ष्मी), बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को अतिरिक्त पांच किलो चावल के बदले नकद भुगतान (अन्न भाग्य), स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपये और डिप्लोमा धारकों के लिए 1,500 रुपये (युवानिधि) और सार्वजनिक परिवहन बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा शामिल हैं।
उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक में कोई भी गारंटी योजना बंद नहीं की जाएगी और यह पांच साल तक जारी रहेगी।
उन्होंने बालकृष्ण का बचाव करते हुए कहा, ‘‘भाजपा ने पहले (विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान) कहा था कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है, तो योजनाएं केवल चुनाव (लोकसभा) तक ही रहेंगी। भाजपा के बारे में लोगों को आगाह करते हुए बालकृष्ण यह स्पष्ट करने की कोशिश कर रहे थे कि केवल कांग्रेस ही गारंटी योजनाओं को लागू कर सकती है।’’
बालकृष्ण की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने चिक्कमगलुरु में कहा कि इससे पता चलता है कि जो कांग्रेस नेता राज्य की कुल 28 संसदीय सीट में से 20 से अधिक सीट जीतने के भ्रम में थे, उन्होंने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही हार स्वीकार कर ली है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पिछले साल विधानसभा चुनाव जीता और पूरी तरह से ‘फर्जी गारंटी’ देकर सत्ता में आई। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस सरकार को राज्य के लोगों के साथ अन्याय नहीं करने देगी।
विजयेंद्र ने कहा, ‘‘यह लोगों को ‘ब्लैकमेल’ के अलावा कुछ नहीं है...कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए।’’
भाजपा के कई अन्य नेताओं ने भी इस बयान के लिए कांग्रेस और बालकृष्णन की आलोचना की है।
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