जम्मू, 18 अगस्त जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि उनका प्रशासन केंद्र शासित प्रदेश में एक लिंग-समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र बना रहा है ताकि महिलाओं की शिक्षा और आर्थिक विकास तक बेहतर पहुंच हो सके।
सिन्हा वर्चुअल माध्यम से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की प्रगति और सक्षम छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत जम्मू-कश्मीर के लाभार्थियों के साथ बातचीत कर रहे थे।
पहली बार, जम्मू-कश्मीर की 480 प्रतिभाशाली महिलाओं को प्रगति छात्रवृत्ति के डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में शामिल किया गया है। जम्मू-कश्मीर को विकलांग व्यक्तियों के लिए सक्षम योजना के तहत नौ छात्रवृत्तियां भी मिली हैं।
उपराज्यपाल ने महिलाओं को परिवर्तन की महत्त्वपूर्ण कारक बताते हुए कहा, "जम्मू-कश्मीर सरकार एक आदर्श, लिंग-समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र बना रही है, जहां उनकी शिक्षा और आर्थिक विकास तक बेहतर पहुंच है, उन्हें हमारी विकास पहल के केंद्र में रखा गया है और हाशिये पर रहने वालों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।"
उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए सामाजिक और आर्थिक समानता तेजी से विकास हासिल करने के लिए अनिवार्य है।
सिन्हा ने कहा, "एक मजबूत समुदाय, एक बेहतर राज्य और एक मजबूत देश बनाने के लिए तकनीकी क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण और उनकी समान उपस्थिति महत्वपूर्ण है।"
उन्होंने कहा, ‘‘यह आवश्यक है कि हमारी लड़कियां आवश्यक ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास से भरपूर हों और शासन के सभी स्तरों पर कार्यरत हों।"
उन्होंने कहा कि एआईसीटीई का छात्रवृत्ति कार्यक्रम और हौसला, तेजस्विनी, उम्मीद, एलजी सुपर 75, परवाज और मुमकिन जैसी केंद्र शासित प्रदेश सरकार की पहल महिला सशक्तिकरण और लैंगिक अंतर खत्म करने की दिशा में उठाए गए कुछ प्रमुख कदम हैं।
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