बेंगलुरु, 25 मई कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और पूछा कि जनता दल (सेक्युलर) के निलंबित नेता प्रज्वल हासन के पासपोर्ट को रद्द करने के लिए अप्रैल में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे गए पत्र का क्या हुआ।
विदेश मंत्रालय द्वारा एक दिन पहले दिये गये बयान कि हासन के फरार सांसद प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का राज्य सरकार का अनुरोध उसे 21 मई को ही प्राप्त हुआ था, के बाद परमेश्वर की यह टिप्पणी सामने आई है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक साक्षात्कार में दिये गये बयान कि उनके मंत्रालय को प्रज्वल का पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध 21 मई को ही मिला है, पर टिप्पणी करते हुए परमेश्वर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैंने भी मीडिया रिपोर्ट देखी है। अगर उन्होंने (एस जयशंकर) ऐसा कहा है तो इसका मतलब यह है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने विदेश मंत्रालय को इस बारे में जानकारी नहीं दी।’’
परमेश्वर ने पूछा, ‘‘मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अप्रैल में ही पत्र लिखा था और विदेश मंत्री का कहना है कि उन्हें यह 21 मई को मिला। प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र का क्या हुआ? क्या इसे उचित तरजीह नहीं मिली या क्या पीएमओ ने विदेश मंत्रालय को इस बारे में सूचित नहीं किया? ’’
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हम देख सकते हैं कि केंद्र सरकार कैसे काम कर रही है।’’
कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा कि एक बार राजनयिक पासपोर्ट रद्द हो जाने पर, प्रज्वल को भारत लौटना होगा क्योंकि वह विदेश में रहने की छूट खो देगा।
पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल पर यौन शोषण का आरोप है और हासन के सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने के एक दिन बाद 27 अप्रैल को भारत से बाहर चले गये थे।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के माध्यम से एसआईटी के अनुरोध के बाद इंटरपोल द्वारा प्रज्वल के ठिकाने के बारे में जानकारी मांगने वाला 'ब्लू कॉर्नर नोटिस' पहले ही जारी किया जा चुका है।
निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए एक विशेष अदालत ने एसआईटी की ओर से दायर एक आवेदन के बाद प्रज्वल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
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