रांची, 11 जून झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने मंगलवार को अधिकारियों को आदिवासियों के भूमि अधिकारों की रक्षा करने और उन भूखंडों पर उनका कब्जा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जिनमें विवादों के बाद अदालत का फैसला उनके पक्ष में आया है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) से आने वाले लोग सबसे अधिक हाशिए पर हैं और वंचित रहे हैं। सोरेन ने अधिकारियों से यह भी कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत दर्ज सभी मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाए।
सोरेन ने यहां आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा के बाद ये निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सोरेन ने बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा कि एससी-एसटी कानून के तहत दर्ज मामले लंबित न रहें, इस पर विशेष ध्यान दें और पूरी गंभीरता से निगरानी करें।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले जवानों के आश्रितों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर मिले।
उन्होंने पुलिस से यह सुनिश्चित करने को कहा कि राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा शिविरों की स्थापना के कारण आम लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
सोरेन ने कहा, "राज्य में कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाए रखना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी भी तरह की ढिलाई स्वीकार्य नहीं है। हर कीमत पर छीना-झपटी, चोरी, डकैती और लूट की घटनाओं पर रोक लगाएं।"
उन्होंने कहा कि राज्य के कई शहरों में स्कूलों और कॉलेजों के आसपास नशीली पदार्थों की अवैध बिक्री के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सोरेन ने कहा, "राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अफीम की खेती में मदद करने वाले बाहरी लोगों, इसकी खेती करने वालों और इसे बाजार में आपूर्ति करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अफीम की खेती पर प्रतिबंध लगाना विशेष तौर पर ध्यान देने वाले क्षेत्रों में से एक है।"
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