पुणे, 25 जनवरी : मराठा आरक्षण के लिये आंदोलन कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बृहस्पतिवार को हजारों समर्थकों के साथ लोनावाला से मुंबई की तरफ कूच करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्रियों - देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार से एकसाथ आकर मराठा आरक्षण मुद्दा हल करने की अपील की. जरांगे ने कहा कि दो आधिकारिक प्रतिनिधिमंडलों ने दिन में उनसे मुलाकात की, लेकिन उनके पास कोई नया प्रस्ताव नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘‘वे उन्हीं पुराने बिंदुओं पर चर्चा कर रहे थे.’’बीस जनवरी को हजारों समर्थकों के साथ जालना जिले से मुंबई की ओर मार्च पर निकले जरांगे मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार नौकरियों और शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण दे. जरांगे ने कहा कि उन्हें सूचित किया गया है कि एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने आएगा। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है, तो वह बीच रास्ते में ही प्रतिनिधिमंडल से मिलेंगे.
जरांगे ने कहा, ‘‘हम यहां मनोरंजन के लिए नहीं आए हैं। मराठा समुदाय की ओर से, मैं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार से अपील करता हूं कि वे चर्चा के लिए एक साथ आएं और मुद्दे का समाधान खोजें.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या मुंबई पुलिस ने उन्हें शहर के आजाद मैदान में धरना देने की अनुमति दी है, जरांगे ने कहा कि वहां एक मंच बनाया जा रहा है.
इससे पहले, लोनावला में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए जरांगे ने उनसे शांत रहने और उत्तेजित न होने की अपील की और कहा कि उनका विरोध शांतिपूर्ण है. मराठा आरक्षण कार्यकर्ता ने कहा कि छत्रपति संभाजीनगर संभागीय आयुक्त मधुकर अरदाद के नेतृत्व वाली एक टीम सहित अधिकारियों की दो टीम ने उनसे पहले मुलाकात की थी, लेकिन उनके पास कोई नया प्रस्ताव नहीं था. जरांगे ने राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय को आरक्षण देने में विफल रहने पर 26 जनवरी से मुंबई में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने की घोषणा की है.
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