जम्मू, 3 मई: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) प्रशासन ने कोविड-19 (Covid-19) लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे केंद्र शासित प्रदेश के छात्रों और प्रवासी मजदूरों समेत सभी निवासियों की चरणबद्ध तरीके से वापसी के लिए योजना बनाई है. एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रशासन ने कहा कि लौटने वाले सभी लोगों की कोरोना वायरस के लिए जांच की जाएगी. उसने प्रशासन की पूर्व अनुमति के बिना लौटने वाले सभी लोगों को कठुआ जिले के लखनपुर में 21 दिन तक पृथक रखने की भी घोषणा की.
अधिकारी ने बताया कि मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए की बैठक के दौरान ये फैसले लिए. सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों तथा मजदूरों को नियंत्रित एवं नियमित तरीके से वापस लाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है. 25 अप्रैल से दो मई के बीच 18,000 से अधिक स्थानीय लखनपुर पहुंचे और इनमें से ज्यादातर लोग हिमाचल प्रदेश से पहुंचे हैं.
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पहले चरण में पंजाब और हिमाचल प्रदेश से छात्रों तथा मजदूरों को लाया जाएगा और इसके बाद अन्य राज्यों से. मुख्य सचिव ने कहा, ‘‘जो लोग बिना अनुमति के केंद्र शासित प्रदेश में प्रवेश करेंगे उन्हें लखनपुर, कठुआ में 21 दिनों के लिए अनिवार्य रूप से पृथक केंद्र भेजा जाएगा.’’ प्रशासन ने लोगों के सुचारू प्रवेश और आवाजाही के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं.
मुख्य सचिव ने मंडल आयुक्तों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि लौटने वाले सभी लोगों का कम्प्यूटर पर उचित रिकॉर्ड रखा जाए और एक व्यवस्था बनाई जाए ताकि पूरी प्रक्रिया सुचारू रूप से हो. मुख्य सचिव ने जिलों में पृथक केंद्रों की भी समीक्षा की और उपायुक्तों को सभी उपलब्ध ढांचों का इस्तेमाल कर गांव के स्तर पर अतिरिक्त पृथक केंद्र बनाने का निर्देश दिया.
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