जम्मू, 11 अप्रैल जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने 4 जी सेवाएं बहाल करने पर जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों के गृह सचिवों से स्थिति रिपोर्ट मांगी है।
दरअसल, अदालत को बताया गया कि हाई-स्पीड इंटरनेट के उपलब्ध नहीं होने से छात्रों की पढ़ाई-लिखाई प्रभावित हो रही है क्योंकि वे कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू लॉकडाउन को लेकर अपने घरों के अंदर ही रह रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर अदालत की सहायता के लिये नियुक्त की गई न्याय मित्र मोनिका कोहली की दलीलें सुनने के बाद ये निर्देश जारी किये।
न्यायमूर्ति मित्तल कोरोना वायरस से जुड़ी संकट की स्थिति से निपटने में जम्मू कश्मीर और लद्दाख प्रशासनों के जवाबों की नियमित रूप से समीक्षा कर रही हैं। खंडपीठ में न्यायमूर्ति रहनीश ओसवाल भी शामिल हैं।
शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हुई सुनवाई में कोहली ने यह दलील दी थी कि 4 जी सेवाएं उपलब्ध नहीं रहने के चलते इन केंद्र शासित प्रदेशों के छात्र (शिक्षण) संस्थानों द्वारा भेजे जा रहे शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को इंटरनेट की अधिक स्पीड नहीं रहने के चलते अपलोड नहीं कर पा रहे हैं।
कोहली ने कहा कि इस वजह से छात्र देश के अन्य हिस्सों के छात्रों की तुलना में पीछे छूट जाएंगे। उन्होंने फौरन 4 जी इंटरनेट बहाल करने की मांग की।
अतिरिक्ति सॉलीसीटर जनरल विशाल शर्मा ने अदालत को बताया कि यह विषय एक ‘फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स’ द्वारा एक पीआईएल दायर किये जाने पर उच्चतम न्यायालय 1499484.html" title="Malaika Arora ने स्पोर्ट्स ब्रा में दिखाया बेहद सेक्सी और स्लिम अवतार, Hot Photos हुई Viral">Malaika Arora ने स्पोर्ट्स ब्रा में दिखाया बेहद सेक्सी और स्लिम अवतार, Hot Photos हुई Viral