श्रीनगर, आठ नवंबर पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने की मांग से जुड़े प्रस्ताव को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई।
पुलवामा से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक वहीद पारा ने कहा कि उनकी पार्टी बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) की ओर से पेश प्रस्ताव का समर्थन करती है, लेकिन साथ ही यह भी चाहती है कि बाहर लोगों को यह न लगे कि इसको लेकर कुछ समझौता हुआ है।
उन्होंने कहा, “स्वीकार्यता और सहिष्णुता की जिम्मेदारी बहुमत पर है। हम अपनी विरासत, (नेकां संस्थापक) शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की विरासत का क्षरण होते देख रहे हैं। हमारी चिंता यह है कि यह एक ऐतिहासिक सत्र है, ऐसे में लोगों को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि कोई समझौता या विश्वासघात हुआ है।”
पारा को उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति पाने के लिए विरोध दर्ज कराना पड़ा।
पारा ने सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए नेकां के कुछ सदस्यों द्वारा पीडीपी संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद के बारे में "अपमानजनक" संदर्भ देने पर भी आपत्ति जताई।
पारा ने कहा, “उन्होंने जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों को गद्दार कहा और मुफ्ती मोहम्मद सईद के बारे में बुरा कहा। अगर हम विश्वासघात की बात करें तो इसकी शुरुआत शेख मुहम्मद अब्दुल्ला ने की थी। वह समझौता करने वाले पहले व्यक्ति थे।”
पीडीपी नेता की टिप्पणियों पर सत्ता पक्ष ने विरोध जताया।
सदन में पिछले दो दिन से हंगामा हो रहा है। इससे पहले, प्रस्ताव पारित होने के बाद भाजपा विधायकों ने जोरदार विरोध किया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)