देश की खबरें | जम्मू-कश्मीर विस चुनाव : कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना जारी, नेकां-कांग्रेस गठबंधन आगे

जम्मू/श्रीनगर, आठ अक्टूबर जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीट के लिए हुए चुनाव के लिए डाले गए मतों की गणना कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को की जा रही है। चुनावी यात्रा का यह अंतिम चरण है और 2019 में, जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से केंद्र शासित प्रदेश को अपनी पहली निर्वाचित सरकार मिल जाएगी।

मतगणना के शुरुआती रुझानों के अनुसार नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन 46 सीट पर आगे है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 23 सीट पर आगे है।

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध शुरुआती रुझानों के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) तीन सीट पर आगे है जबकि आठ सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी आगे हैं।

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला बडगाम और गांदरबल दोनों सीट पर आगे हैं, जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की इल्तिजा मुफ्ती शुरुआती रुझानों के अनुसार श्रीगुफवाड़ा-बिजबेहरा सीट पर पीछे हैं।

निर्वाचन आयोग के रुझानों के अनुसार, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन भी दो सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और हंदवाड़ा सीट पर 390 मतों के मामूली अंतर से आगे हैं, जबकि कुपवाड़ा सीट पर वह पीछे हैं।

बडगाम में अब्दुल्ला 1,400 मतों से जबकि गांदरबल में वह 622 मतों से आगे हैं। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती, नेंका के बशीर अहमद वीरी से 1,842 से अधिक मतों से पीछे हैं।

लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल राशिद के भाई शेख खुर्शीद, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार इरफान सुल्तान पंडितपुरी से 455 मतों से पीछे हैं।

अपनी पार्टी के संस्थापक अल्ताफ बुखारी भी चानपोरा निर्वाचन क्षेत्र में पीछे हैं, जहां नेकां के मुश्ताक ने बढ़त बना ली है।

निर्वाचन आयोग द्वारा 90 में से 64 सीट के लिए उपलब्ध कराए आंकड़ों के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने 39 सीटों पर बढ़त बनायी है जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस सात सीट पर आगे है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) ने भी एक-एक सीट पर बढ़त बनायी है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना नौशेरा निर्वाचन क्षेत्र से नेकां के अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी सुरिंदर चौधरी से 2,797 वोटों से पीछे हैं।

जम्मू-कश्मीर में 90 सीटों के लिए 28 मतगणना केंद्रों पर सुबह आठ बजे मतों की गिनती शुरु हुई। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए तीन चरणों में मतदान कराया गया था।

एक निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश के 20 जिलों में स्थापित 28 केंद्रों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना की जा रही है।

अधिकारी ने बताया कि दोपहर तक रुझानों की स्पष्ट तस्वीर सामने आने की संभावना है।

पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के पांच साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) गठबंधन, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्य पार्टियां हैं।

जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी. के. पोले ने कहा कि प्रत्येक मतगणना केंद्र के 100 मीटर के भीतर पर्याप्त जांच चौकियां स्थापित की गई हैं और सभी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने के लिए ईवीएम रखे जाने वाले सभी ‘स्ट्रांग रूम’ में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

पोले ने कहा, ‘‘इन क्षेत्रों में अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। व्यापक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए मतगणना केंद्रों के मुख्य प्रवेश द्वार और पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।’’

पोले ने कहा कि सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी, उसके 30 मिनट बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की गिनती की जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक चरण की मतगणना की सटीक जानकारी तुरंत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी।

अधिकारी ने बताया कि कुपवाड़ा, सांबा, जम्मू, उधमपुर और रियासी जिलों के लिए दो-दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं, जबकि श्रीनगर, गांदरबल, बडगाम, बारामूला, बांदीपोरा, अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, राजौरी, पुंछ, कठुआ, किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिलों के लिए एक-एक मतगणना केंद्र बनाए गए हैं, जबकि प्रवासियों के लिए तीन मतगणना केंद्र बनाए गए हैं।

पोले ने बताया कि मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिए निर्वाचन आयोग ने विभिन्न पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। उन्होंने कहा कि केवल अधिकृत व्यक्तियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को ही मतगणना केंद्रों के अंदर और आसपास जाने की अनुमति है।

उन्होंने कहा कि लोगों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया है कि वे मतदान केंद्रों के बाहर भीड़ नहीं लगाएं तथा घर पर ही परिणाम देखें।

वर्ष 2014 के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है। चुनाव तीन चरण में चुनाव हुए थे और 64 प्रतिशत मतदान हुए थे।

कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र की 90 सीटों में से 24 पर 18 सितंबर को पहले चरण में, 26 पर 25 सितंबर को दूसरे चरण में तथा 40 पर एक अक्टूबर को तीसरे चरण में मतदान हुआ था।

मतगणना से 90 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे 873 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हो जाएगा।

शनिवार को आए ‘एग्जिट पोल’ (चुनाव बाद सर्वेक्षण) में नेकां-कांग्रेस गठबंधन को बढ़त दिखाई गई है।

भाजपा को 2014 के विधानसभा चुनावों में जीती गई 25 सीटों की संख्या में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है, जबकि पीडीपी को इस बार 10 से भी कम सीटें मिलने का अनुमान है। पीडीपी को 10 साल पहले हुए चुनावों में 28 सीटें मिली थीं।

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