काठमांडू, सात मार्च नेपाल में संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव’ के बहाल होने के बाद रविवार को इसकी पहली बैठक हुई।
बैठक के दौरान सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ नीत गुट के सांसदों ने सत्र का बहिष्कार किया।
राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उच्चतम न्यायालय के 24 फरवरी के फैसले के अनुसार सदन का सत्र बुलाने की पिछले हफ्ते घोषणा की थी।
गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने सदन को भंग करने के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के फैसले को रद्द कर दिया था।
माय रिपब्लिका समाचारपत्र की खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री ओली सत्र में शरीक होने के लिए आज दोपहर न्यू बनेश्वर में संघीय संसद भवन पहुंचे थे, लेकिन सत्र शुरू होने से पहले ही वह वहां से चले गये।
सदन की कार्यवाही चलने के दौरान सत्तारूढ़ दल के प्रचंड नीत गुट के सांसद भी संसद से वाकआउट कर गये।
मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाल कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी के सांसदों ने संविधान परिषद पर विवादित अध्यादेश वापस लेने की मांग की, जिस पर स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 10 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की अगली बैठक बुधवार दोपहर एक बजे के लिए निर्धारित की गई है।
गौरतलब है कि चीन के प्रति झुकाव रखने वाले प्रधानमंत्री ओली ने प्रचंड के साथ सत्ता को लेकर रस्साकशी के बीच पिछले साल 20 दिसंबर को संसद के निचले सदन को भंग कर दिया था। हालांकि, सत्तारूढ़ दल ओली के इस फैसले पर बंटा हुआ नजर आया था।
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