विदेश की खबरें | इजराइल के सत्तारूढ़ गठबंधन ने न्यायपालिका में सुधार की योजना को गति देने की तैयारी की
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

संसद की एक समिति एक ऐसा विधेयक तैयार कर रही है, जिसके तहत न्यायपालिका की शक्तियां सरकार के फैसलों और कानूनों को लेकर सीमित हो जाएंगी। सरकार की इस योजना के खिलाफ जनता के अलावा सेना के भीतर से भी आलोचना बढ़ रही है।

कई सैन्यकर्मियों ने धमकी दी कि अगर सरकार अपनी विवादास्पद योजना को आगे बढ़ाती है तो वे ड्यूटी नहीं करेंगे।

इस विधेयक पर अगले सप्ताह की शुरुआत में संसदीय मतदान से पहले मंगलवार को एक व्यापक विरोध-प्रदर्शन की संभावना है।

पिछले दिनों बड़े पैमाने पर हुए विरोध-प्रदर्शनों के कारण यातायात बाधित हो गया था और इजराइल का मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संचालन भी अवरुद्ध हुआ था। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई थीं।

देशभर में व्यापक विरोध के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मार्च में इस विवादास्पद येाजना को रोक दिया था।

चक्कर आने के कारण अस्पताल से छुट्टी मिलने के एक दिन बाद सोमवार को अपने मंत्रिमंडल की बैठक में नेतन्याहू ने न्यायपालिका में सुधार की योजना का बचाव किया, जो इजराइल की अदालतों को निर्वाचित अधिकारियों द्वारा किए गए निर्णयों की जांच करने से रोक देगा।

उन्होंने सेना के भीतर विरोध की हालिया लहर की भी आलोचना की।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में सेना चुनी हुई सरकार के अधीन होती है और उसका काम इसके विपरीत जाना नहीं होता।’’

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