विदेश की खबरें | इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने रक्षा मंत्री को बर्खास्त किया, देश भर में हुए प्रदर्शन
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

नेतन्याहू ने यह घोषणा ऐसे समय की है, जब इजराइल क्षेत्र में कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है।

गाजा में युद्ध को लेकर नेतन्याहू और गैलेंट के बीच कथित तौर पर मतभेद रहा है। नेतन्याहू ने मंगलवार को की गई अपनी घोषणा में ‘‘विश्वास की कमी’’ का उल्लेख किया था।

नेतन्याहू ने कहा, ‘‘युद्ध के बीच में, पहले से कहीं अधिक, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के बीच पूर्ण विश्वास की आवश्यकता होती है। हालांकि युद्ध के शुरूआती महीनों में ऐसा विश्वास था और बहुत ही सार्थक काम हुआ था, लेकिन दुर्भाग्य से पिछले महीनों के दौरान मेरे और रक्षा मंत्री के बीच यह विश्वास टूट गया।’’

युद्ध के शुरुआती दिनों में, इजराइल के नेतृत्व ने हमास के 7 अक्टूबर 2023 के हमले का जवाब देते हुए एक एकीकृत मोर्चा बनाया था। लेकिन जैसे-जैसे युद्ध लंबा खिंचता गया और लेबनान तक फैल गया, प्रमुख नीतिगत मतभेद उभर कर सामने आ गए।

नेतन्याहू ने हमास पर निरंतर सैन्य दबाव बनाए रखने का आह्वान किया, जबकि गैलेंट ने अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए कहा कि सेना ने कम से कम एक अस्थायी कूटनीतिक समझौते के लिए आवश्यक परिस्थितियां पैदा कर दी हैं, जिससे आतंकवादी समूह (हमास) द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को वापस लाया जा सकता है।

बंधकों के परिवार, साथ ही सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल हुए हजारों लोग नेतन्याहू पर सत्ता पर पकड़ बनाए रखने के लिए समझौते को विफल करने का आरोप लगा रहे हैं।

नेतन्याहू के कट्टर सहयोगियों ने धमकी दी है कि अगर वह हमास को रियायतें देते हैं तो वे सरकार गिरा देंगे, जिससे ऐसे वक्त में समय से पहले चुनाव होने की आशंका बढ़ गई है जब प्रधानमंत्री (नेतन्याहू) की लोकप्रियता कम हो गई है।

विपक्षी नेता येर लैपिड ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘युद्ध के बीच में, गैलेंट को बर्खास्त करना पागलपन वाला कृत्य है। नेतन्याहू अपने राजनीतिक अस्तित्व के लिए इजराइल की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।’’

बंधकों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक मंच ने कहा कि गैलेंट की बर्खास्तगी ‘‘बंधकों से जुड़े समझौते को विफल करने के प्रयासों का जारी रहना है।’’ इसने नये रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज से युद्ध को समाप्त करने और बंधकों को घर वापस लाने के लिए एक समझौते पर पहुंचने के वास्ते ‘‘स्पष्ट वादा’’ करने का आग्रह किया।

कुछ ही घंटों में, हजारों प्रदर्शनकारी मध्य तेल अवीव में एकत्र हो गए और शहर के मुख्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। भीड़ में शामिल लोग सीटी और ढोल बजाते हुए, सड़क के बीच में एक अलाव के चारों ओर एकत्र हुए। वहीं, लगभग 1,000 अन्य लोगों ने यरुशलम में नेतन्याहू के घर के बाहर प्रदर्शन किया। इसके अलावा, देश भर में कई अन्य स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कें अवरुद्ध कर दीं।

मार्च 2023 में गैलेंट को हटाने संबंधी नेतन्याहू के पिछले प्रयास के बाद, प्रधानमंत्री के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे और उन्होंने इसे टाल दिया था।

नये रक्षा मंत्री नियुक्त किये गए काट्ज अभी विदेश मंत्री हैं और लंबे समय से नेतन्याहू के विश्वस्त हैं। काट्ज (69) ने नेतन्याहू का शुक्रिया अदा किया और इजराइल के दुश्मनों के खिलाफ युद्ध में जीत के लिए सुरक्षा प्रतिष्ठान का नेतृत्व करने का संकल्प लिया।

नेतन्याहू ने अपने बयान में दावा किया कि उन्होंने गैलेंट के साथ मतभेद को दूर करने के लिए कई प्रयास किए। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह गहराता गया। यह लोगों की जानकारी में भी आ गया और इससे भी बुरा यह हुआ कि हमारे शत्रु भी इस बात को जान गए थे और इसका काफी फायदा उठाया।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)