जिनेवा, 12 जून : इजराइली सेना और फलस्तीनी उग्रवादियों ने इजराइल-हमास युद्ध के पहले महीनों के दौरान यौन और लिंग आधारित हिंसा की. यह बात संयुक्त राष्ट्र समर्थित मानवाधिकार विशेषज्ञों ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कही है. स्वतंत्र विशेषज्ञों ने ज्यादातर मीडिया में आई घटनाओं का तारीखवार विवरण देते हुए कहा कि इजराइली सेना और फलस्तीनी उग्रवादियों ने युद्ध अपराध किए, जबकि इजराइल ने मानवता के विरुद्ध भी अपराध किए हैं.
इजराइल ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. उसने संस्था के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया था और उस पर पक्षपात का आरोप लगाया था. रिपोर्ट में सात अक्टूबर की हिंसा और पिछले साल के अंत के बीच के समय को शामिल किया गया है. इसमें संघर्ष के दौरान दोनों पक्षों द्वारा अधिकारों के कथित उल्लंघन और अपराधों की एक विस्तृत श्रृंखला को सामने रखा गया है. यह भी पढ़ें : पाकिस्तान में गधों की संख्या वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 59 लाख हुई : आर्थिक सर्वेक्षण
इसमें कहा गया है कि इजराइली सुरक्षा बलो ने जबरन भूख से मारना, हत्या या जानबूझकर हत्या, सामूहिक दंड और नागरिकों पर जानबूझकर हमले जैसे कृत्य किए हैं और हमास और अन्य सशस्त्र फलस्तीनी समूहों की सैन्य शाखाओं ने हत्याएं तथा नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार किया है और बंधक बनाए हैं. संयुक्त राष्ट्र समर्थित मानवाधिकार परिषद द्वारा 2021 में विशेषज्ञ समिति को इजराइल और उसके नियंत्रण वाले फलस्तीनी क्षेत्रों में अधिकारों के उल्लंघन और दुर्व्यवहारों की जांच करने के लिए नियुक्त किया गया था.