विदेश की खबरें | इजराइल के अरबपति व्यक्ति के तेल टैंकर पर ओमान तट के निकट हमला

लाइबेरिया के ध्वज वाले तेल टैंकर मेरसर स्ट्रीट पर बृहस्पतिवार रात हुए इस हमले की फिलहाल किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि, एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है हमले के लिए एक तथाकथित ‘‘आत्मघाती ड्रोन’’ का इस्तेमाल किया गया, जिससे इस संभावना को बल मिलता है कि कोई सरकार या मिलिशिया समूह का इसके पीछे हाथ रहा होगा।

तेल टैंकर का प्रबंधन करने वाली कंपनी ने कहा कि हमले में चालक दल के दो सदस्य मारे गये जो ब्रिटेन और रोमानिया के निवासी थे।

यह घटना बृहस्पतिवार देर रात ओमान के मासिरा द्वीप के उत्तरपूर्व में हुई। यह स्थान ओमान की राजधानी मस्कट से 300 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर है।

लंदन की एक जहाज प्रबंधन कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी नौसेनाए हमले के बाद मौके पर पहुंच गई है और टैंक को एक सुरक्षित बंदरगाह पर ले जा रही है।

यह हमला 2019 से जहाजों पर हुए क्षेत्रीय हमलों की कड़ी में सबसे बड़ी ज्ञात समुद्री हिंसा है। विश्व शक्तियों के साथ तेहरान के परमाणु समझौते पर गतिरोध बने होने के बीच अमेरिका, इजराइल और अन्य देशों ने इसके लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है।

इजराइल के अरबपति एयाल ऑफेर के जोडिएक समूह का हिस्सा एवं लंदन स्थित जोडिएक मैरीटाइम ने कहा कि हमले में चालक दल के दो सदस्य मारे गये हैं, जिनमें से एक ब्रिटेन से है जबकि दूसरा रोमानिया से है। हालांकि, इसने उनका नाम नहीं बताया, ना ही यह बताया कि हमले में क्या हुआ था। इसने कहा कि माना जाता है कि पोत पर चालक दल के किसी और सदस्य को नुकसान नहीं पहुंचा है।

जोडिएक मेरीटाइम ने एक बयान में कहा कि घटना के वक्त पोत उत्तरी हिंद महासागर सागर में था और दार ए सलाम से फुजैरा जा रहा था और वह खाली था।

इसने तेल टैंकर के मालिकों के जापानी होने का दावा किया है, हालांकि उनका नाम नहीं बताया। जहाजरानी प्राधिकरण लॉयड लिस्ट ने पेात के मालिक की पहचान ताईहेई कियुन सो के रूप में की है जो तोक्यो के निप्पन युसेन समूह से संबद्ध हैं।

पश्चिम एशिया में गश्त करने वाले अमेरिकी नौसेना के पांचवें बेड़े ने टिप्पणी के लिए अनुरोध किये जाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

ब्रिटिश सेना के ब्रिटिश समुद्री व्यापार अभियान ने कहा कि हमले की जांच जारी है और गठबंधन सेना इसमें हिस्सा ले रही है।

ओमानी अधिकारियों ने टिप्पणी के लिए अनुरोध किये जाने पर कोई जवाब नहीं दिया है।

इजराइली अधिकारियों ने हमला होने की बात स्वीकार नहीं की है।

यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब ईरान के परमाणु समझौते को लेकर तनाव बढ़ गया है और इसे बहाल करने को लेकर विएना में चल रही बातचीत रुक गई है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2018 में एकपक्षीय तरीके से समझौते से हट गए थे जिसके बाद से क्षेत्र में जहाजों पर कई हमले हुए हैं और इनका संदेह तेहरान पर जाता रहा है।

ईरान की मीडिया ने हमले के बारे में विदेशी खबरों का हवाला दिया है, लेकिन विस्तार से जानकारी नहीं दी है। हमला उस रात हुआ, जब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कुवैत में ईरान को चेतावनी दी कि वियना में परमाणु समझौते को लेकर वार्ता ‘‘अनिश्चित काल तक नहीं चल सकती है।’’

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