इजराइल की सेना ने यह भी कहा कि वह तबाह हुए उत्तरी गाजा में घुस रही है, जहां उसके दावे के अनुसार आतंकवादी समूह हमास फिर से संगठित हो गया है।
इजराइल ने अब रफह के पूर्वी तिहाई हिस्से को खाली करा दिया है, जिसे गाजा में आखिरी शरणस्थली माना जाता है।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य ने चेतावनी दी है कि इजराइल की योजना के अनुसार रफह पर पूरी तरह से आक्रमण होने से मानवीय कार्य ठप हो जाएंगे और हताहतों की संख्या में भारी वृद्धि होगी।
चौदह लाख से अधिक फलस्तीनियों (गाजा की आधी आबादी) ने रफह में शरण ले रखी है, जिनमें से अधिकांश इजराइल के हमलों से बचकर आए हैं। रफह छोड़कर लोग उत्तरी गजा जाने को मजबूर हैं, जहां कई क्षेत्र पहले ही इजराइली हमलों में तबाह हो चुके हैं। सहायता एजेंसियों का अनुमान है कि 1,10,000 लोग शनिवार को जारी आदेश से पहले ही जा चुके हैं।
रफह के निवासी हनान अल-सतारी ने कहा, “हम यहां क्या करें? क्या हम तब तक इंतजार करें जब तक सभी मर नहीं जाते? इसलिए हमने जाने का फैसला किया है। यह बेहतर है।”
रफह शहर से पहले विस्थापित हो चुके अबू यूसुफ अल-देरी ने कहा, “गाजा में कोई स्थान इजराइली सेना से बचा हुआ नहीं है। वे हर चीज को निशाना बनाते हैं।”
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वह रफह पर आक्रमण के लिए इजराइल को हथियार नहीं देंगे। शुक्रवार को अमेरिका ने कहा कि इस बात के 'पर्याप्त' सबूत हैं कि जिस तरह से इजराइल ने हमास के खिलाफ युद्ध लड़ा है, उसमें नागरिकों की रक्षा करने वाले अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हुआ है।
इसके जवाब में इजराइल के प्रधानमंत्री के विदेश नीति सलाहकार ओफिर फॉक ने एपी को बताया कि इजराइल सशस्त्र संघर्ष के कानूनों के अनुसार कार्रवाई करता है और सेना नागरिकों को हताहत होने से रोकने के लिए व्यापक कदम उठाती है, जिसमें लोगों को सैन्य अभियानों के प्रति सचेत करना भी शामिल है।
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