यरुशलम, 28 जनवरी भारत और इजराइल के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को इजराइल के एक अखबार के ‘‘ऑप-एड’’ में लिखा है दोनों देशों के बीच ‘‘मित्रता और विश्वास’’ न केवल विशिष्टताएं हैं बल्कि ‘‘वास्तविक संपत्ति’’ भी है। उन्होंने कहा है कि दोनों देशों ने पिछले तीन दशकों से रिश्ते प्रगाढ़ करते हुए सुरक्षा क्षेत्र सहित आम चुनौतियों का समाधान खोजने की दिशा में साथ मिलकर काम किया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और इजराइल के विदेश मंत्री यायर लैपिड ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 30 साल पूरे होने पर अखबार ‘इजराइल हयोम’ के लिए एक संयुक्त ऑप-एड ‘‘डीपनिंग रूट्स’’ लिखा है। भारत ने 17 सितंबर 1950 को इजराइल को मान्यता दी थी लेकिन देशों के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध 29 जनवरी 1992 को स्थापित हुआ।
दोनों देशों की संस्कृतियों के बीच काफी समानता का उल्लेख करते हुए ‘‘ऑप एड’’ में बताया गया है कि भारत में रामायण और महाभारत जैसे महान महाकाव्य और इजराइल में बाइबिल और तल्मूड जैसे ऐतिहासिक ग्रंथ हैं जो न केवल उनके लोगों की कहानी बल्कि लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए नैतिकता का रास्ता भी बताते हैं।
जयशंकर और लैपिड ने लिखा है, ‘‘ठीक 30 साल पहले जब दोनों देशों के बीच संबंध स्थापित हुए थे तो दोनों पक्षों में उत्सुकता थी, लेकिन परिचित होने की भावना भी थी। हम दो प्राचीन सभ्यताएं हैं। हम दो ऊर्जावान युवा लोकतंत्र भी हैं जो नवाचार के प्रति खुलेपन और अन्य संस्कृतियों के साथ संवाद करने की क्षमता से प्रेरित हैं।’’
दोनों मंत्रियों ने लिखा है, ‘‘कृषि और पानी से लेकर नवाचार और सुरक्षा तक, दोनों देश ज्ञान, परियोजनाओं और दृष्टि को साझा करते हैं तथा हाल के महीनों में अमेरिका और खाड़ी देशों के साथ एक अद्वितीय राजनयिक संवाद भी साझा किया है।’’
दोनों नेताओं ने लिखा है कि इजराइल के पहले प्रधानमंत्री डेविड बेन-गुरियन ने अपने शयनकक्ष में महात्मा गांधी की एक तस्वीर लगायी थी । इससे समझा जा सकता है कि दोनों बहुत दूरदर्शी दृष्टिकोण साझा करते थे।
मंत्रियों ने लिखा है, ‘‘2008 में मुंबई में सीमा पार से प्रायोजित आतंकवादी हमला हमें साझा खतरों की याद दिलाता है और इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं होने देना चाहिए।’’
दोनों मंत्रियों ने ग्लासगो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के बीच बैठक और इजराइल में अपनी बैठक का भी उल्लेख किया है, जिसमें मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता में तेजी लाने और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साथ काम करने की प्रतिबद्धता पर बल दिया गया।
उन्होंने कहा है कि दोनों देशों के बीच ‘‘जड़ें गहरी होती जा रही हैं’’ और यह आगे भी सार्थक, उपयोगी बनी रहेगी। विदेश मंत्रियों ने नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर और इजराइल के कवि एस वाई अग्नॉन की कविता का भी संदर्भ दिया है।
आशीष रंजन
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