विदेश की खबरें | इजराइल चुनाव: नेतन्याहू की किस्मत छोटे दलों के हाथों में

आगामी मंगलवार को यहां पर चुनाव होने हैं, जो दो साल से भी कम समय में चौथे चुनाव होंगे। इसे नेतन्याहू पर एक जनमत संग्रह के तौर पर भी देखा जा रहा है। उन्होंने दुनिया के सबसे सफल कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान में से एक का नेतृत्व किया है। हालांकि, वह भ्रष्टाचार के आरोपों में भी घिरे हैं।

पूर्वानुमानों के मुताबिक नेतन्याहू की लिकुड पार्टी 120 सदस्यीय संसद में 30 सीटें जीत सकती है लेकिन उसके गठबंधन सहयोगियों के महज 50 सीटें जीतने का अनुमान है।

वहीं दूसरी ओर, वैचारिक रूप से अलग दल जो नेतन्याहू को पद से हटाना चाहते हैं, उन सबके पास कुल मिलाकर 56-60 सीटें आ सकती हैं जो बहुमत से कुछ ही कम है। नेतन्याहू विरोधी सबसे बड़ा दल येश अतिद पार्टी 20 सीटें जीत सकता है।

हालांकि, नेतन्याहू की पूर्व सहयोगी नफताली बेनेट की यामिना पार्टी किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है। इस पार्टी के दस सीटें जीतने का अनुमान है और उसने किसी भी गठबंधन में शामिल होने से इनकार नहीं किया है। कुछ और भी दल हैं जो महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

कुल मिलाकर किसी भी गठबंधन का जरा सा अच्छा या जरा सा खराब प्रदर्शन राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है।

मतदान केंद्रों के बंद होने के बाद इजराइल का मुख्य प्रसारणकर्ता अनाधिकारिक एग्जिट पोल जारी करेगा।

एपी

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