देश की खबरें | क्या टीपू सुल्तान की जयंती मनाने पर कोई रोक है : बंबई उच्च न्यायालय

मुंबई, 12 नवंबर बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को जानना चाहा कि क्या 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की जयंती मनाने पर कोई रोक है।

उच्च न्यायालय ने इसी के साथ पुणे ग्रामीण पुलिस को इस मौके पर रैली निकालने की अनुमति की मांग संबंधी एक अर्जी पर निर्णय लेने का निर्देश दिया।

उच्च न्यायालय ने कहा कि कानून व्यवस्था से जुड़ी चिंता किसी रैली के लिए मंजूरी नहीं देने का आधार नहीं हो सकती है।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति एस जी दिगे की खंडपीठ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी (एआईएमआईएम) की पुणे इकाई के अध्यक्ष फैयाज शेख की याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में पुलिस को टीपू सुल्तान, स्वतंत्रता सेनानी मौलाना आजाद की जयंतियों और संविधान दिवस पर रैली निकालने की अनुमति का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि पुणे ग्रामीण पुलिस ने रैली की अनुमति नहीं दी और याचिकाकर्ता को सार्वजनिक स्थान के बजाय निजी जगह पर इसे मनाने को कहा।

पुलिस ने कहा था कि ऐसी रैलियों से कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो जायेगी।

तब उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘क्या टीपू सुल्तान की जयंती मनाने पर कोई प्रतिबंध है? हम समझते हैं कि कानून और व्यवस्था का हवाला देते हुए किसी विशेष क्षेत्र में रैली की अनुमति नहीं दी जा सकती। आप (पुलिस) उनसे (याचिकाकर्ता को) मार्ग बदलने के लिए कह सकते हैं।’’

उच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस मार्ग तय कर सकती है और अगर कोई अपमानजनक का इस्तेमाल होता है या कानून और व्यवस्था की कोई समस्या होती है, तो कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)