ईरान द्वारा अपने अब तक के सबसे ज्यादा वजन के साथ एक सफल अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण की घोषणा किये जाने के कुछ घंटों बाद ही राफेल मारियानो ग्रॉसी ने यह टिप्पणी की।
ईरान के सफल अंतरिक्ष प्रक्षेपण को लेकर पश्चिमी देशों का आरोप है कि इससे तेहरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में सुधार हुआ है।
सिमोर्ग रॉकेट का प्रक्षेपण ऐसे समय में किया गया जब ईरान ने परमाणु कार्यक्रम में यूरेनियम के 60 फीसदी मौजूदगी का दावा किया।
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है जबकि इस्लामिक गणराज्य के अधिकारी संभावित रूप से बम और एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल की मांग कर रहे हैं ताकि तेहरान अमेरिका जैसे दूर के दुश्मनों के खिलाफ हथियार का इस्तेमाल करने में सक्षम हो सके।
ईरान के इस कदम से पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका है, जहां गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजराइल का युद्ध जारी है तो वहीं लेबनान में युद्ध विराम के बाद भी हमले हो रहे हैं।
ईरान हालांकि अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आने वाली सरकार के साथ संभावित वार्ता के लिए जमीन तैयार करने में जुटा है।
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में विश्व शक्तियों के साथ तेहरान के परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था।
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