नयी दिल्ली, 27 अगस्त सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच जारी है और आरोपी कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम तथा उनके बेटे कार्ति को जब्त दस्तावेजों के निरीक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि इससे साक्ष्यों से छेड़छाड़ हो सकती है।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की एकल पीठ के समक्ष निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई के दौरान जांच एजेन्सी ने यह तर्क दिया। निचली अदालत ने मालखाना में रखे दस्तावेजों का निरीक्षण आरोपियों एवं उनके वकीलों द्वारा किए जाने की अनुमति दे दी थी और कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने आरोपियों के पक्ष में निरीक्षण का फैसला दिया है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अब यह आरोपियों पर निर्भर करता है। कानून को भी आगे बढ़ना है। हर जांच एजेंसी एक हजार दस्तावेज जब्त करती है। वे 500 पर भरोसा करते हैं और 500 रख देते हैं। यह आपकी संपत्ति नहीं है। उनमें आरोपियों की रिहाई की भी सामग्री हो सकती है।’’
अदालत ने सीबीआई की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया और एजेंसी तथा आरोपियों को लिखित हलफनामा दायर करने की अनुमति दी।
इसने कहा, ‘‘अंतरिम आदेश जारी रहेगा।’’
सीबीआई के वकील अनुपम एस. शर्मा ने कहा कि मामले में ‘‘गोपनीयता जरूरी है’’ क्योंकि जांच अभी चल रही है।
अदालत ने कहा, ‘‘फिर आप कहेंगे कि जब तक जांच चलती है तब तक सुनवाई रोक दी जाए... आप बताएं कि जांच के लिए आपको कितना वक्त और लगेगा और फिर यह निर्णय किया जाएगा कि कौन सा दस्तावेज दिया जाना है।’’
वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में विदेश निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा आईएनएक्स मीडिया समूह को305 करोड़ रूपए का विदेशी निवेश प्राप्त करने के लिए दी गई मंजूरी में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को मामला दर्ज किया था।
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी धनशोधन का मामला दर्ज किया था। इस समय चिदंबरम पिता पुत्र दोनों ही इस मामले में जमानत पर हैं।
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