नयी दिल्ली, 27 अगस्त : दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू के प्रसार से निपटने के लिए कई उपाय करने के निर्देश दिए हैं. मंत्री ने कहा, ‘‘हमने लोगों को डेंगू की रोकथाम के बारे में जानकारी देने के लिए सभी मेट्रो स्टेशन, बस अड्डे और अन्य सार्वजनिक परिवहन केंद्रों पर जागरूकता घोषणाएं करने के लिए कहा है.’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि शहर के सभी सरकारी अस्पताल डेंगू के मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हों. भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य सचिव को कई कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन वह इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं कि उन कदमों को लागू किया गया है.
मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने स्वास्थ्य सचिव को हर दिन एक सरकारी अस्पताल का दौरा करने का निर्देश दिया है, ताकि यह जांचा जा सके कि डेंगू से संबंधित सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध हैं या नहीं. हालांकि, मुझे पता नहीं है कि ये दौरे शुरू हुए हैं या नहीं. अगर ये (दौरे शुरू) नहीं हुए हैं, तो मैं व्यक्तिगत रूप से अस्पतालों का दौरा करूंगा और अनुपालन सुनिश्चित करूंगा.’’ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि जब भी दिल्ली में कोई बड़ा संकट होता है, तो दस्तावेजों से पता चलता है कि इसके पीछे उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना का हाथ होता है. यह भी पढ़ें : भाजपा ने कोलकाता में छात्रों पर लाठीचार्ज की निंदा की; ममता के इस्तीफे, पॉलीग्राफ जांच की मांग की
आशा किरण आश्रय गृह मामले पर प्रकाश डालते हुए, जहां जुलाई में 14 बंदियों की मौत हो गई थी, मंत्री ने कहा कि जांच से पता चला है कि डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों की कमी थी. भारद्वाज ने कहा, ‘‘नियुक्तियों की जिम्मेदारी उपराज्यपाल के पास है. मंत्री बनने के बाद से, मैंने 30 प्रतिशत रिक्तियों के बारे में उपराज्यपाल को दर्जनों पत्र लिखे हैं.’’