जरुरी जानकारी | औद्योगिक उत्पादन फिर नकारात्मक दायरे में, जनवरी में 1.6 प्रतिशत की गिरावट

नयी दिल्ली, 12 मार्च औद्योगिक उत्पादन में एक बार फिर जनरी में गिरावट आयी है। मुख्य रूप से पूंजीगत सामान, विनिर्माण और खनन क्षेत्रों में गिरावट के कारण साल के पहले महीने में औद्योगिक उत्पादन 1.6 प्रतिशत घट गया।

सरकारी आंकड़े के अनुसार दिसंबर में औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गयी थी।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 77.6 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाला विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में जनवरी में 2 प्रतिशत की गिरावट आयी। जबकि पिछले वित्त वर्ष के इसी माह में इसमें 1.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

शुक्रवार को जारी सरकरी आंकड़े के अनुसार सबसे खराब प्रदर्शन पूंजीगत वस्तु क्षेत्र का रहा। इसमें आलोच्य महीने में 9.6 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि एक साल पहले इसी माह में 4.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

खनन क्षेत्र में जनवरी 2021 में 3.7 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि एक साल पहले इसी माह में इसमें 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

इस बीच, आईआईपी आंकड़ा जारी करने वाला राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने दिसंबर 2020 के आंकड़े को संशोधित कर 1.56 प्रतिशत कर दिया है जबकि पूर्व में इसके 1.0 प्रतिशत का अनुमान जताया था।

आईआईपी में नवंबर 2020 में गिरावट दर्ज की गयी थी। वहीं सितंबर और अक्टूबर 2020 में इसमें सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी।

इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि उपभोक्ता वस्तुओं के मामले में जनवरी 2021 में सालाना आधार पर गिरावट चिंता की बात है।

उन्होंने कहा कि हो सकता कि कुछ श्रेणी के परिवार उस बचत को तरजीह दे रहे हैं, जो उन्हें ‘लॉकडाउन’ और ‘लॉकडाउन’ के बाद उपयोग करना पड़ा था।

आंकड़े के अनुसार आईआईपी में चालू वित्त वर्ष 2020-21 के अप्रैल-जनवरी के दौरान 12.2 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी अवधि में 0.5 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई थी।

आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता टिकाऊ और गैर- टिकाऊ उपभोक्ता सामान के मामले में क्रमश: 0.2 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत की गिरावट आयी है। इन दोनों खंडों में जनवरी 2020 में भी गिरावट दर्ज की गयी थी।

ब्रिकवर्क रेटिंग्स के मुख्य आर्थिक सलाहकार एम गोविंद राव ने कहा कि आईआईपी आंकड़े में दिसंबर में सकारात्मक वृद्धि के बाद जनवरी में गिरावट कुछ हैरान करने वाला है।

उन्होंने कहा, ‘‘विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट जारी रहने और जनवरी में 2 प्रतिशत की कमी यह बताता है कि हमें अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार से पहले कुछ दूरी अभी तय करनी है।’’

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