मुंबई, 19 मई: मुंबई स्थित केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को दो लाख रुपए के नकद मुचलके पर जमानत पर रिहा किए जाने की अनुमति दे दी, जिसके मद्देनजर पूर्व मीडिया कार्यकारी शुक्रवार को जेल से बाहर आएंगी. मुखर्जी की वकील ने यह जानकारी दी.
उच्चतम न्यायालय ने मुखर्जी (50) की जमानत बुधवार को मंजूर ली थी और यहां निचली अदालत को उनकी जमानत संबंधी शर्तें तय करने का निर्देश दिया था. मुखर्जी को हत्या के मामले में साढ़े छह साल पहले गिरफ्तार किया गया था. वह अगस्त 2015 में गिरफ्तारी के बाद से मुंबई के भायखला महिला कारागार में बंद हैं.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश वी सी बर्दे ने मुखर्जी को दो सप्ताह के भीतर जमानदार मुहैया कराने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया. न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि इस बीच वह जैसे ही समान राशि का नकद मुचलका जमा करती हैं, उन्हें रिहा किया जा सकता है.
मुखर्जी की वकील सना रईस शेख ने कहा कि सीबीआई की अदालत ने अपराह्न करीब चार बजे यह आदेश जारी किया और जमानत संबंधी कागजी कार्रवाई एक घंटे में पूरी हो गई. शेख ने कहा, ‘‘वह (मुखर्जी) कल जेल से बाहर आएंगी.’’
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि मुखर्जी को अपना पासपोर्ट विशेष अदालत को सौंपना होगा और वह अदालत की अनुमति के बिना भारत से बाहर नहीं जा सकतीं. अदालत ने मुखर्जी को मामले के किसी भी गवाह से संपर्क नहीं करने और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने का भी निर्देश दिया.
अदालत ने कहा कि मुखर्जी को सुनवाई में शामिल होना होगा और वह स्थगन का अनुरोध नहीं कर सकती.
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, ‘‘यदि उपरोक्त शर्तों में से किसी का भी उल्लंघन होता है, तो अभियोजन जमानत रद्द करने के लिए आवेदन कर सकता है.’’ मुंबई पुलिस ने मुखर्जी को अप्रैल 2012 में अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या करने के आरोप में 2015 में गिरफ्तार किया था. मुखर्जी की गिरफ्तारी के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.
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