इंदौर, 27 दिसंबर इंदौर में रेडीमेड कपड़ों के कारोबारियों के एक संगठन ने साइबर ठगी के मामलों में "बेकसूर" दुकानदारों के बैंक खाते फ्रीज किए जाने पर विरोध जताते हुए ग्राहकों से यूपीआई के माध्यम से भुगतान नहीं लेने का फैसला किया है। संगठन के एक पदाधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने कारोबारी संगठन के इस निर्णय को सरासर गलत बताते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
शहर के राजबाड़ा क्षेत्र में कपड़ों की कुछ दुकानों में लगाए गए पोस्टर में कहा गया, ‘‘साइबर फ्रॉड की संभावनाओं के चलते ऑनलाइन-यूपीआई का पेमेंट नहीं ले पाएंगे।’’
इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन ने कहा कि ये पोस्टर साइबर ठगी की बढ़ती घटनाओं से कारोबारियों को होने वाले नुकसान की ओर सरकार का ध्यान खींचने के लिए लगाए गए हैं।
जैन ने कहा कि अपराधियों द्वारा साइबर ठगी के धन से दुकानदारों को यूपीआई भुगतान किए जाने पर बेकसूर दुकानदारों के बैंक खाते फ्रीज किए जा रहे हैं, नतीजतन व्यापार चौपट हो रहा है और बाजार में कारोबारियों की साख बिगड़ रही है।
उन्होंने बताया, "मुझे कई कारोबारियों ने आपबीती सुनाई कि उन्हें साइबर ठगी के मामलों के कारण उनका बैंक खाता फ्रीज किए जाने का पता तब चला, जब उनके द्वारा किसी व्यक्ति को दिया गया चेक बाउंस हो गया।"
जैन ने कहा कि इन हालात में उनके संगठन ने तय किया है कि यूपीआई के बजाय नकदी और क्रेडिट कार्ड के जरिये भुगतान लेने को तब तक तरजीह दी जाएगी, जब तक सरकार कारोबारियों की इस समस्या का समाधान नहीं करती।
उन्होंने कहा, "मान लीजिए कि किसी अपराधी ने साइबर ठगी के धन से खरीदी करते हुए 1,000 रुपये यूपीआई के जरिये किसी दुकानदार के बैंक खाते में पहुंचाए हैं, तो ठगी की जांच पूरी होने तक इस खाते में केवल 1,000 रुपये की रकम को फ्रीज किया जाना चाहिए, लेकिन हो यह रहा है कि पूरे खाते को फ्रीज कर दिया जा रहा है।"
साइबर ठगी के कई मामलों की जांच कर रही अपराध निरोधक शाखा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने कहा, "किसी भी दुकानदार द्वारा नकद लेन-देन को बढ़ावा देकर यूपीआई से भुगतान नहीं लेने की घोषणा करना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि अगर कोई ग्राहक इस सिलसिले में पुलिस को शिकायत करेगा, तो उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
दंडोतिया ने कहा, ‘‘साइबर ठगी के धन से भुगतान का पता चलने पर कई बार उस बैंक खाते को फ्रीज करा दिया जाता है जिसमें यह रकम जाती है। लेकिन खाताधारक उचित दस्तावेज दिखाता है, तो खाते के जरिये लेन-देन बहाल कर दिया जाता है।’’
हर्ष
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