नयी दिल्ली, चार नवंबर भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर सितंबर के आठ महीने के निचले स्तर से अक्टूबर में सुधार के साथ 57.5 हो गई। सोमवार को एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई।
मौसमी रूप से समायोजित 'एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक' (पीएमआई) सितंबर में आठ महीने के निम्नतम स्तर 56.5 से बढ़कर अक्टूबर में 57.5 हो गया, जो परिचालन स्थितियों में पर्याप्त तथा त्वरित सुधार का संकेत है।
पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है।
एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘ भारत के मुख्य विनिर्माण पीएमआई में अक्टूबर में काफी वृद्धि हुई है, क्योंकि अर्थव्यवस्था की परिचालन स्थितियों में व्यापक रूप से सुधार जारी है। तेजी से बढ़ते नए ऑर्डर तथा अंतरराष्ट्रीय बिक्री भारत के विनिर्माण क्षेत्र के लिए मजबूत मांग वृद्धि को दर्शाती है।’’
भारतीय वस्तुओं की मजबूत मांग से प्रदर्शन में तेजी आई। इसके अलावा, नए उत्पादों पेश किए जाने और सफल विपणन पहलों ने बिक्री प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद की।
सितंबर में डेढ़ साल में सबसे कम वृद्धि के बाद नए निर्यात ऑर्डर में भी मजबूत वृद्धि देखी गई। समिति के सदस्यों ने एशिया, यूरोप, लैटिन अमेरिका और अमेरिका से नए ऑर्डर में वृद्धि की सूचना दी।
कीमतों के मोर्चे पर, अक्टूबर के आंकड़ों ने भारत के विनिर्माण क्षेत्र में मजबूत मुद्रास्फीति दबाव का संकेत दिया।
वहीं भारतीय विनिर्माता भविष्य की उत्पादन मात्रा के संबंध में अधिक आशावादी हैं।
भंडारी ने कहा, ‘‘ तीसरी वित्तीय तिमाही की शुरूआत में मजबूत उपभोक्ता मांग, नए उत्पाद जारी होने...से कारोबारी विश्वास भी बढ़ा है।’
एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।
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