नयी दिल्ली, 13 अगस्त प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि भारत के सशस्त्र बल किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं, और तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए किए गए उपायों से उनकी समग्र क्षमताओं में वृद्धि होगी।
जनरल रावत ने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों को भी याद किया और कहा कि बलों की क्षमताओं को और बढ़ाने की जरूरत है। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। ‘आजादी का अमृत महोत्सव' के रूप में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जनरल रावत ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, लेकिन जिस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उसे देखते हुए उसे अपनी सेनाओं को युद्ध के लिए प्रशिक्षित करना पड़ा।
सीडीएस ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री ने हमें कुछ निर्देश दिए हैं कि हमें अपने देश के आर्थिक पुनरुद्धार पर ध्यान देना है, मानव संसाधन विकास पर विचार करना है और प्रौद्योगिकी तथा अनुसंधान को प्रोत्साहित करना है। हमें सैन्य सुधारों की ओर बढ़ना है।’’
जम्मू कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद का परोक्ष रूप से संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि इसे समाप्त करना फोकस वाले क्षेत्रों में से एक है। जनरल रावत ने कहा, ‘‘सशस्त्र बल किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं।’’
उन्होंने साथ ही कहा कि बलों के बीच एकजुटता बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों से उनकी क्षमताओं में वृद्धि होगी।
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