जरुरी जानकारी | दक्षिण कोरिया से लौह अलॉय के आयात में वृद्धि की जांच कर रहा है भारत

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर भारत ने इस बात की जांच शुरू की है कि इस्पात, निकेल और कोबाल्ट अलॉय में प्रयोग किए जाने वाले फेरो मॉलीबडेनम के दक्षिण कोरिया से आयात में वृद्धि घरेलू उत्पादकों को तो प्रभावित नहीं कर रही है।

व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने एक अधिसूचना जारी की है जिसके मुताबिक इंडियन फेरो अलॉय प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन, प्रीमियर अलॉय एंड केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड और टीम फेरो अलॉय प्राइवेट लिमिटेड ने एक आवेदन देकर कहा है कि इस उत्पाद के आयात में वृद्धि से घरेलू उत्पादकों को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है।

यह आवेदन भारत-कोरिया मुक्त व्यापार समझौते के द्विपक्षीय सुरक्षा उपायों के तहत दिया गया है। इस समझौते के तहत भारत ने इस उत्पाद पर सीमा शुल्क में रियायत दी है। आवेदकों ने दावा किया है कि उत्पाद के आयात में पूर्ण रूप से और भारत में उत्पादन और खपत के संबंध में वृद्धि हुई है।

अधिसूचना में कहा गया कि 2018-19 तथा 2021-22 में आयात में अचानक, तेज और उल्लेखनीय रूप से वृद्धि हुई है। इस वजह से घरेलू उद्योग का प्रदर्शन उत्पादन, क्षमता उपयोग, बिक्री और लाभ के लिहाज से बिगड़ गया है।

डीजीटीआर ने कहा कि प्रथम दृष्टया इस बात के साक्ष्य हैं कि आयात बढ़ा है जिससे घरेलू उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है इसलिए इस विषय की जांच करना उचित होगा।

जांच में अगर ऐसा पाया जाएगा कि आयात बढ़ने से घरेलू उत्पादकों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है तो निदेशालय आयात पर सुरक्षा शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा और इस बारे में अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय लेगा।

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