लंदन, 23 नवंबर भारतीय कुशल श्रमिकों, चिकित्सा पेशेवरों और छात्रों ने पिछले साल ब्रिटेन की वीजा सूची में अपना दबदबा कायम रखा है। बृहस्पतिवार को यहां जारी आधिकारिक आव्रजन आंकड़ों में यह बात सामने आई।
ब्रिटेन के गृह कार्यालय द्वारा सितंबर 2023 में समाप्त हो रहे वर्ष के लिए संकलित राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़े दिखाते हैं कि भारतीय नागरिक न केवल कुशल कामगार वीजा के मामले में अव्वल हैं, बल्कि स्वास्थ्य और देखभाल वीजा के लिहाज से भी पहले नंबर पर हैं।
छात्रों की वीजा श्रेणी में, भारतीय नागरिक लगातार छात्रों के उस सबसे बड़े समूह का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जिन्हें अपेक्षाकृत नए ‘पोस्ट-स्टडी’ स्नातक वीजा पर बने रहने के लिए छुट्टी दी गई थी।
गृह कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, ‘‘कुशल कामगार वीजा में पिछले साल नौ प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी गई, वहीं कुशल कामगार-स्वास्थ्य और देखभाल वीजा के मामले दोगुने से अधिक होकर 1,43,990 हो गए। पिछले वर्ष की तुलना में भारतीयों (38,866), नाइजीरिया (26,715) और जिम्मबाब्वे (21,130) के नागरिकों के वीजा में सर्वाधिक वृद्धि हुई।’’
स्वास्थ्य और देखभाल वीजा के आंकड़ों के अनुसार भारतीय आवेदकों की संख्या में 76 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं कुशल कामगार वीजा में 11 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखी गई है।
विश्लेषण के अनुसार, ‘‘सितंबर 2023 को समाप्त हुए वर्ष में भारतीय नागरिकों को 1,33,237 प्रायोजित अध्ययन वीजा दिए गए थे जिसमें सितंबर 2022 को समाप्त हुए वर्ष की तुलना में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई, लेकिन उनकी संख्या सितंबर 2019 में समाप्त हुए साल की तुलना में अब करीब पांच गुना अधिक है।’’
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