Badminton Asia Championships 2024: भारतीय विमेंस ने क्वार्टर फाइनल में हॉन्गकॉन्ग को हराकर पहली बार मेडल किया पक्का, मेंस टीम जापान से हार हुई बाहर

भारतीय महिला बैडमिंटन टीम ने शुक्रवार को यहां हांगकांग पर 3-0 की जीत के साथ बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप (बीएटीसी) में अपना पहला पदक पक्का किया लेकिन पुरुष टीम क्वार्टर फाइनल में जापान से 2-3 से हार गयी।

एजेंसी न्यूज Bhasha|
Badminton Asia Championships 2024: भारतीय विमेंस ने क्वार्टर फाइनल में हॉन्गकॉन्ग को हराकर पहली बार मेडल किया पक्का, मेंस टीम जापान से हार हुई बाहर
(Photo Credit: X Formerly As Twitter)

Badminton Asia Championships 2024: शाह आलम (मलेशिया), 16 फरवरी भारतीय महिला बैडमिंटन टीम ने शुक्रवार को यहां हांगकांग पर 3-0 की जीत के साथ बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप (बीएटीसी) में अपना पहला पदक पक्का किया लेकिन पुरुष टीम क्वार्टर फाइनल में जापान से 2-3 से हार गयी. शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन को हराकर ग्रुप चरण में शीर्ष पर रहने के बाद भारत ने दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू, अस्मिता चालिहा और अश्विनी पोनप्पा तथा तनीषा क्रास्टो की युगल जोड़ी की जीत के दम पर हांगकांग को हराया. अब भारत का मुकाबला जापान और चीन के बीच होने वाले एक अन्य क्वार्टर फाइनल के विजेता से होगा. भारतीय पुरुष टीम ने साहसिक प्रयास किया लेकिन नर्वस किदाम्बी श्रीकांत अंत में निर्णायक पांचवें मैच में हार गये. यह भी पढ़ें: शी युकी ने एचएस प्रणय को हराकर इंडिया ओपन से किया बाहर

भारत ने 2016 और 2020 चरण में पुरुष टीम स्पर्धा में दो कांस्य पदक जीते थे. चोट के कारण लंबे समय बाद वापसी करते हुए सिंधू ने अपने से निचली रैंकिंग वाली लो सिन यान हैप्पी के खिलाफ कड़े मुकाबले में 21-7, 16-21, 21-12 से जीत दर्ज की. इसके बाद तनीषा और अश्विनी की महिला युगल जोड़ी ने येयुंग एनगा टिंग और येयुंग पुई लैम की दुनिया की 18वें नंबर की जोड़ी को 35 मिनट में 21-10, 21-14 से हराकर भारत की बढ़त दोगुनी कर दी.

अस्मिता ने येयुंग सुम यी पर 21-12, 21-13 की आसान जीत से भारत की जीत सुनिश्चित की और टीम के लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का किया. टीम के साथ मौजूद पूर्व राष्ट्रीय कोच विमल कुमार ने शाह आलम से पीटीआई को बताया, ‘‘यह महिला टीम के लिए एक सहज परिणाम है। मैं उनके प्रदर्शन से बहुत खुश हूं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘थोड़ा ड्रिफ्ट था इसलिए शुरू में शटल को नियंत्रित करना मुश्किल था क्योंकि शटल बाहर जा रही थी. ड्रिफ्ट के कारण एक छोर से मुश्किल होने के कारण सिंधू को थोड़ा जूझना पड़ा लेकिन यह एक अच्छा परिणाम है, हम सेमीफाइनल में हैं.’’

दुनिया की 77वें नंबर की खिलाड़ी लो के खिलाफ सिंधू ने शानदार शुरुआत करते हुए पहले गेम में 11-1 की बढ़त बनाई। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद आसानी से पहला गेम जीत लिया. दूसरे गेम में सिंधू और लो के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली और दोनों खिलाड़ी 10-10 पर बराबरी पर थीं.

हांगकांग की खिलाड़ी ने ब्रेक तक 11-10 की बढ़त बनाई लेकिन खेल दोबारा शुरू होने पर लगातार चार अंक के साथ बढ़त 15-10 कर दी. सिंधू को शटल को नियंत्रित करने में परेशानी हो रही थी और उन्होंने कई शॉट नेट पर और बाहर मारे. लो ने भी इस बीच कुछ अच्छे स्मैश लगाए और दूसरा गेम जीतकर स्कोर 1-1 कर दिया. तीसरे और निर्णायक गेम में सिंधू अच्छी लय में नजर आई। उन्होंने 5-1 की बढ़त बनाई और फिर ब्रेक तक 11-7 से आगे रहीं. सिंधू ने अपने विविधता से भरे शॉट से 17-8 की बढ़त बनाईbtn active" title="Increase font size" >A+

Badminton Asia Championships 2024: भारतीय विमेंस ने क्वार्टर फाइनल में हॉन्गकॉन्ग को हराकर पहली बार मेडल किया पक्का, मेंस टीम जापान से हार हुई बाहर
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Badminton Asia Championships 2024: शाह आलम (मलेशिया), 16 फरवरी भारतीय महिला बैडमिंटन टीम ने शुक्रवार को यहां हांगकांग पर 3-0 की जीत के साथ बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप (बीएटीसी) में अपना पहला पदक पक्का किया लेकिन पुरुष टीम क्वार्टर फाइनल में जापान से 2-3 से हार गयी. शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन को हराकर ग्रुप चरण में शीर्ष पर रहने के बाद भारत ने दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू, अस्मिता चालिहा और अश्विनी पोनप्पा तथा तनीषा क्रास्टो की युगल जोड़ी की जीत के दम पर हांगकांग को हराया. अब भारत का मुकाबला जापान और चीन के बीच होने वाले एक अन्य क्वार्टर फाइनल के विजेता से होगा. भारतीय पुरुष टीम ने साहसिक प्रयास किया लेकिन नर्वस किदाम्बी श्रीकांत अंत में निर्णायक पांचवें मैच में हार गये. यह भी पढ़ें: शी युकी ने एचएस प्रणय को हराकर इंडिया ओपन से किया बाहर

भारत ने 2016 और 2020 चरण में पुरुष टीम स्पर्धा में दो कांस्य पदक जीते थे. चोट के कारण लंबे समय बाद वापसी करते हुए सिंधू ने अपने से निचली रैंकिंग वाली लो सिन यान हैप्पी के खिलाफ कड़े मुकाबले में 21-7, 16-21, 21-12 से जीत दर्ज की. इसके बाद तनीषा और अश्विनी की महिला युगल जोड़ी ने येयुंग एनगा टिंग और येयुंग पुई लैम की दुनिया की 18वें नंबर की जोड़ी को 35 मिनट में 21-10, 21-14 से हराकर भारत की बढ़त दोगुनी कर दी.

अस्मिता ने येयुंग सुम यी पर 21-12, 21-13 की आसान जीत से भारत की जीत सुनिश्चित की और टीम के लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का किया. टीम के साथ मौजूद पूर्व राष्ट्रीय कोच विमल कुमार ने शाह आलम से पीटीआई को बताया, ‘‘यह महिला टीम के लिए एक सहज परिणाम है। मैं उनके प्रदर्शन से बहुत खुश हूं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘थोड़ा ड्रिफ्ट था इसलिए शुरू में शटल को नियंत्रित करना मुश्किल था क्योंकि शटल बाहर जा रही थी. ड्रिफ्ट के कारण एक छोर से मुश्किल होने के कारण सिंधू को थोड़ा जूझना पड़ा लेकिन यह एक अच्छा परिणाम है, हम सेमीफाइनल में हैं.’’

दुनिया की 77वें नंबर की खिलाड़ी लो के खिलाफ सिंधू ने शानदार शुरुआत करते हुए पहले गेम में 11-1 की बढ़त बनाई। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद आसानी से पहला गेम जीत लिया. दूसरे गेम में सिंधू और लो के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली और दोनों खिलाड़ी 10-10 पर बराबरी पर थीं.

हांगकांग की खिलाड़ी ने ब्रेक तक 11-10 की बढ़त बनाई लेकिन खेल दोबारा शुरू होने पर लगातार चार अंक के साथ बढ़त 15-10 कर दी. सिंधू को शटल को नियंत्रित करने में परेशानी हो रही थी और उन्होंने कई शॉट नेट पर और बाहर मारे. लो ने भी इस बीच कुछ अच्छे स्मैश लगाए और दूसरा गेम जीतकर स्कोर 1-1 कर दिया. तीसरे और निर्णायक गेम में सिंधू अच्छी लय में नजर आई। उन्होंने 5-1 की बढ़त बनाई और फिर ब्रेक तक 11-7 से आगे रहीं. सिंधू ने अपने विविधता से भरे शॉट से 17-8 की बढ़त बनाई। लो के नेट पर शॉट मारने से सिंधू को नौ मैच प्वाइंट मिले. लो ने एक मैच प्वाइंट बचाया लेकिन फिर शॉट बाहर मारकर मैच सिंधू की झोली में डाल दिया.

जापान की पुरुष टीम अपने शीर्ष खिलाड़ियों के बिना खेल रही थी जिसमें दुनिया के छठे नंबर के खिलाड़ी कोडाई नारोका तथा ताकुरो होकी और युगो कोबायाशी की 2021 विश्व चैम्पियन युगल जोड़ी मौजूद नहीं थी. लेकिन भारतीय पुरुष टीम के लिए यह मुकाबला काफी कड़ा रहा. एच एस प्रणय को दुनिया के 12वें नंबर के खिलाड़ी केंटो निशिमोटो से 16-21, 24-26 से हार मिली जिससे जापान ने 1-0 से बढ़त बना ली.

सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की नंबर एक जोड़ी ने फिर शानदार प्रदर्शन करते हुए केन्या मितसुहाशी और हिरोकी ओकामुरा को 40 मिनट में 21-15,21-17 से पराजित कर भारत को मुकाबले में वापसी करायी. राष्ट्रमंडल खेलों के चैम्पियन लक्ष्य सेन ने फिर कोको वाटानाबे को 21-19, 22-20 से हराकर भारत को 2-1 से आगे कर दिया.

एम आर अर्जुन और ध्रुव कपिला अपना मैच हार गये। उन्हें अकिरा कोगा और काजुकी शिबाटा से 17-21, 15-21 से पराजय मिली और जापान ने स्कोर 2-2 कर दिया. अब जिम्मेदारी श्रीकांत के कंधों पर थी। उन्होंने केंटो मोमोटा से पहला गेम 21-17 से जीता लेकिन अगले दो गेम 9-21, 20-22 से गंवा दिये और भारत मुकाबला हार गया.

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