वाशिंगटन, 18 नवंबर अमेरिकी फेडरल अदालत ने अमेरिकी नागरिकों को करोड़ों की संख्या में ऑटोमेटेड कॉल करने और उन्हें गुमराह करके दो करोड़ डॉलर से ज्यादा राशि का नुकसान पहुंचाने के मामले में भारत की एक वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल प्रोवाइडर (वीओआईपी) ई-संपर्क और उसके निदेशक गौरव गुप्ता के खिलाफ आरोप तय किया है।
न्याय विभाग का कहना है कि गुप्ता और ई-संपर्क ने मई 2015 से लेकर जून 2020 तक फ्लोरिडा में करीब 60 सर्वर रखे थे और उस वक्त कंपनी ने भारत के कॉलर्स को अमेरिकी उपभोक्ताओं को फोन करने की अनुमति दी थी।
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विभाग ने आरोप लगाया है कि सर्वर में 1,30,000 से ज्यादा धोखाधड़ी वाले फोन कॉल्स का रिकॉर्ड है, इसमें ऑटोमेटेड वॉइसमेल रिकॉर्डिंग और भारत के ठगों तथा अमेरिका के पीड़ितों के बीच बातचीत शामिल है।
अमेरिकी अटॉर्नी ब्युंग जे. ‘बीजे’ पाक ने कहा, ‘‘बचाव पक्ष ने अमेरिकी उपभोक्ताओं को लगातार फोन किए, उन्हें मानसिक और आर्थिक नुकसान पहुंचाया, पीड़ितों में संवेदनशील व्यक्ति और बुजुर्ग भी शामिल थे।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका में धोखाधड़ी वाले फोन कॉल करने वालों की जांच की जाएगी और उन्हें न्याय की जद में लाया जाएगा।’’
पाक ने कहा कि वीओआईपी कंपनी, वीजी-टेक सर्व प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से गुप्ता ई-संपर्क का निदेशन और कामकाज चलाते थे। इस कंपनी ने कथित रूप से भारत स्थित कॉल सेंटर्स से सीधे या फिर अमेरिका में स्थित वीओआईपी से अमेरिका में पीड़ितों को कॉल किए।
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