विदेश की खबरें | चिकित्सा संगठन के भारतीय मूल के प्रमुख लॉकडाउन के बाद भी मास्क अनिवार्य चाहते हैं

लंदन, तीन जुलाई ब्रिटेन में चिकित्सकों के संगठन के भारतीय मूल के अध्यक्ष ने सरकार से कुछ अनिवार्य सुरक्षा उपायों को लागू रहने देने का आह्वान किया ताकि इस महीने के अंत में जब लॉकडाउन की पाबंदियों में छूट दी जाए तो कोविड-19 के खिलाफ जंग में की गई प्रगति “बर्बाद” न हो ।

चिकित्सकों के प्रमुख संगठन ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन (बीएमए) के परिषद के प्रमुख डॉ चांद नागपॉल ने आगाह किया है कि कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के साथ कोरोना वायरस संक्रमण “चिंताजनक दर” के साथ लगातार बढ़ रहा है। इस स्वरूप का पता सबसे पहले भारत में चला था।

संगठन का मानना है कि सार्वजनिक परिवहन, दुकानों और स्वास्थ्य केंद्रों समेत बंद सार्वजनिक स्थानों में मास्क लगाने और अच्छे हवादार स्थानों में एकत्र होने वाले लोगों के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियम 19 जुलाई के बाद भी लागू रहें। यह वह तारीख है जिस दिन माना जा रहा है कि इंग्लैंड में सभी वैध लॉकडाउन प्रतिबंध समाप्त कर दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा, “हमने पिछले 18 महीनों में टीकाकरण अभियान और देशभर के लोगों की व्यक्तिगत सावधानी से बेहतरीन प्रगति की है और सरकार को इस नाजुक मोड़ पर आकर इसे बर्बाद नहीं होने देना चाहिए।”

डॉ नागपॉल ने कहा, “यह ‘सबकुछ या कुछ भी नहीं’ का द्विआधारी फैसला नहीं है और हम जिन समझदार, सतर्क उपायों को प्रस्तावित कर रहे हैं, वह लोगों के व्यक्तिगत स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवा पर बढ़ते मामलों के प्रभावों को ही कम करने में नहीं बल्कि भविष्य की लहरों, नये स्वरूपों और लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था एवं समाज को होने वाले व्यापक नुकसान को भी कम करेगा।”

बीएमए ने ध्यान दिलाया कि इंग्लैंड में साप्ताहिक मामले पूर्व के सात दिनों से 74 प्रतिशत बढ़ गए हैं जबकि कोविड-19 के कारण अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या पिछले सप्ताह में 55 प्रतिशत बढ़ी है।

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