Farmers Protest: भारतीय किसान यूनियन ने अपना धरना लिया वापस, 57 दिनों बाद खोला गया चिल्ला बॉर्डर
किसान (Photo Credits: ANI)

नोएडा, 28 जनवरी: नये कृषि कानूनों को लेकर करीब दो माह से चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (Indian Farmers Union) ने बुधवार से अपना धरना वापस ले लिया. दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना तथा राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने धरना वापस लिया है. वहीं लोक शक्ति दल ने अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है. नोएडा यातायात पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बीकेयू के विरोध वापस लेने के साथ ही चिल्ला बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली-नोएडा मार्ग 57 दिनों के बाद यातायात के लिए फिर से खुल गया. मालूम हो कि भारतीय किसान यूनियन नये कृषि कानूनों (Farmer Bill) के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा था. इस धरने की वजह से नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता करीब 57 दिनों से बंद था.

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह (Bhanu Pratap Singh) ने चिल्ला बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कल ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) के दौरान जिस तरह से दिल्ली में पुलिस के जवानों के ऊपर हिंसक हमला हुआ तथा कानून व्यवस्था की जमकर धज्जियां उड़ाई गई, इससे वे काफी आहत हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से लालकिले पर एक धर्म विशेष का झंडा फहराया गया, उससे भी वह दुखी हैं. ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि भारत का झंडा तिरंगा है तथा वह तिरंगे का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि कल के घटनाक्रम से वह काफी आहत हैं. उन्होंने कहा कि 58 दिनों से जारी चिल्ला बॉर्डर का धरना वह खत्म कर रहे हैं. इस बाबत पूछने पर अपर पुलिस उपायुक्त रणविजय सिंह ने बताया कि किसानों ने स्वतः धरना खत्म करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में ही किसान धरना स्थल को छोड़ देंगे तथा यहां पर लगे टेंट आदि को हटाकर यातायात को पुनः सुचारु रुप से चालू कर दिया जाएगा.

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भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि वह ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि हिंसा करने एवं अराजकता फैलाने वाले किसान बिल्कुल नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा, "संसद और लालकिला पूरे देश की शान है. लाल किले की प्राचीर पर तिरंगे का अपमान किया गया है वह नाकाबिले बर्दाश्त है." उन्होंने कहा कि लालकिले की प्राचीर पर एक समुदाय विशेष का झंडा फहराये जाने के मामले की जांच होनी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके. मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने पूरे किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची है.

बीकेयू (लोकशक्ति) के प्रवक्ता ने कहा, "जो भी दिल्ली में हुआ वह नहीं होना चाहिए था. हम उसकी निंदा करते हैं और हम किसी भी हिंसा के खिलाफ हैं. हमने घटनाओं के संबंध में भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह की अध्यक्षता में आज एक बैठक की और निर्णय किया कि हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे."

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