नयी दिल्ली, 10 सितंबर कैलंडर वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में वैश्विक स्तर पर भारतीय कॉरपोरेट जगत में नियुक्ति की धारणा सबसे मजबूत है। कंपनियां देश की आर्थिक स्थिति को लेकर उत्साहित हैं और 37 प्रतिशत नियोक्ता अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। मंगलवार को जारी एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।
मैनपावरग्रुप रोजगार परिदृश्य सर्वेक्षण 2024 चौथी तिमाही के अनुसार, इसके अनुसार भारत में शुद्ध रोजगार परिदृश्य 37 प्रतिशत के साथ दुनिया भर में सबसे मजबूत है। इसके बाद कोस्टा रिका 36 प्रतिशत और अमेरिका 34 प्रतिशत के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
शुद्ध रोजगार परिदृश्य (एनईओ) की गणना कर्मचारियों की संख्या में कटौती की आशंका रखने वाले नियोक्ताओं के प्रतिशत से नियोक्ताओं को काम पर रखने की मंशा रखने वाले नियोक्तओं के प्रतिशत को घटाकर की जाती है।
चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए भारत का रोजगार परिदृश्य 37 प्रतिशत रहा, जो तीसरी तिमाही से सात प्रतिशत अधिक है। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में यह अपरिवर्तित है।
मैनपावरग्रुप (भारत व पश्चिम एशिया) के प्रबंध निदेशक संदीप गुलाटी ने कहा, ‘‘ नियोक्ताओं की नियुक्ति की मंशा देश की आर्थिक स्थिति में सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाती है जिसे बहुपक्षीय विदेश नीतियों और बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास के परिणामस्वरूप निर्यात द्वारा मजबूत किया गया है। इसके साथ ही, हमारा जनसांख्यिकीय लाभ है जिससे वैश्विक बाजार में हमारी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।’’
सर्वेक्षण के अनुसार भारत का उत्तरी क्षेत्र 41 प्रतिशत की संभावना के साथ नौकरी की मांग में सबसे आगे है। इसके बाद 39 प्रतिशत के साथ पश्चिमी क्षेत्र का स्थान है।
भारत, सिंगापुर और चीन में रोजगार परिदृश्य मजबूत बना है। हांगकांग में नियोक्ता रोजगार को लेकर सबसे अधिक सतर्क रहे।
सर्वेक्षण एक से 31 जुलाई 2024 के बीच मिले के जवाबों पर आधारित है। इसमें 42 देशों के 40,340 नियोक्ताओं से उनकी चौथी तिमाही की नियुक्ति संबंधी मंशा के बारे में सवाल किया गया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)